बांग्लादेश से राजनयिक संबंध तोड़ देने चाहिए
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे है।
जिसके चलते इस बीच मुजफ्फरनगर से सपा सांसद हरेंद्र मलिक का भी एक बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि आज तक हम बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तो यहां से भगा नहीं पाए हैं हम बांग्लादेश से राजनयिक संबंध भी तोड़ नहीं पाए हैं हमने विरोध कहां किया है इसका, इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि भारत सरकार को तत्काल कड़ा विरोध करते हुए बांग्लादेश से अपने राजनयिक संबंध तोड़ देने चाहिए क्योंकि आप बांग्लादेश को तो कुछ कह नही रहे है और उसकी आड़ में यहां हिंदू मुस्लिम वैमनस्य फैलने का काम कर रहे हैं यह तो देश के लिए घातक है। आज जो बांग्लादेश आग में जल रहा है और उसी आग में आप हमें जलाना चाहते हैं यह घृणित मानसिकता और कुंठित मानसिकता के लोग हैं जो ऐसा काम कर रहे हैं सरकार के स्तर पर इसका विरोध होना चाहिए जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं वह सरकार को जगाने का काम कर रहे हैं इसलिए सरकार जागे और इसका विरोध करें।
आपको बता दे कि मुजफ्फरनगर में एक मस्जिद की इमारत को शत्रु संपत्ति घोषित करने पर भी हरेंद्र मलिक ने बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा है कि देख जो मुझे तो स्थानीय लोगों ने चुनाव के समय जो बात कही थी वह हमने पता करने के बाद पार्लियामेंट में उठाई थी जिस संपत्ति पर लोग 50 साल से 60 साल से 100 साल से रह रहे हमारे यहां अब द्वारका पूरी हो मुनीम कालोनी हो पटेल नगर हो गांधी कॉलोनी या पटेल नगर हो गांधी कॉलोनी आज बसे थे उन लोगों को आप कैसे कहेंगे कि यह शत्रु संपत्ति है अरे वह शत्रु था नहीं था यह संपत्ति तो अब इनकी है यह तो शत्रु नहीं औऱ यह कहने मात्र से काम नहीं चलता उन लोगों का क्या होगा जो पहले से बसे हुए नक्शे पास हुए हैं नगर पालिका से पास हुए हैं नगर पालिका टैक्स लेती है जब आपने टैक्स ले लिया तो मकान तो रेगुलर हो गया उनका क्या कसूर है जानकारी में यह भी आया है की कुछ भूमाफिया जो दक्षिणी मुजफ्फरनगर में पलोटिंग कर रहे पूर्वी दक्षिण में वह इस बात को हवा देकर के कानून का जामा पहना करके कानून का आवरण पहना करके काम कर रहे हैं अब मुझे नहीं पता किसकी प्रॉपर्टी है पर मैं मानता हूं जहां सैकड़ो लोग नहीं हजारों परिवार प्रभावित होते हैं उस कानून में रिलीफ देनी चाहिए क्योंकि लोकतंत्र में गवर्नमेंट बाय द पीपल गवर्नमेंट ऑफ द पीपल और गवर्नमेंट फॉर द पीपल तो गवर्नमेंट फ़ॉर द पीपल तो हो भाई जब से कहां से हो रहे थे यह आदमी जिंदगी में एक मकान नहीं बन पाता उनकी तरफ देखो जिनके मकान डिमोलिश होंगे उनका क्या हाल होगा नहीं उनका यह कहना है कि मस्जिद को इसमें देखिए वरशिप एक्ट 1991 जो है उसके तहत मस्जिद को कोई कुछ नहीं रहेगा मस्जिद की चर्चा करना तो गलत है वह बात है उन दुकानों की मस्जिद के बारे में बात हुई थी मेरी अधिकारियों से मस्जिद तो पूजा का स्थान है तो उसे तो कोई इबादत गाह को कोई नहीं छेड़ेगा ऐसा अधिकारियों ने बताया था सत्य असत्य की मुझे जानकारी नहीं हिंदुस्तान में कहां विरोध प्रदर्शन है आज तक हम बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तो भगा नहीं पाए हम यहां से हम राजनयिक संबंध नहीं तोड़ पाए हमने विरोध कहां किया बांग्लादेश के सम्बंध जो हैं मेरा तो मानना है भारत सरकार को तत्काल कड़ा विरोध करना चाहिए और अपने राजनयिक संबंध तोड़ देने चाहिए ऐसे देश से आप बांग्लादेश को तो कुछ कह नहीं रहे बांग्लादेश की आड़ में यहां हिंदू मुस्लिम वैमनस्य फैलाने का काम कर रहे ये तो देश के लिए घातक है जो बांग्लादेश आग में जल रहा है उसी में हमें जालना चाहते हैं यह घ्रणित मानसिकता के लोग हैं कुंठित मानसिकता के लोग हैं जो ऐसा कर रहे हैं सरकार के स्तर पर विरोध होना चाहिए और जहां तक जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं वह केवल सरकार को जगाने का काम कर रहे सरकार जागे और विरोध करें।