हत्याकांड के खुलासे में दिलचस्पी नही दिखा रही मुण्डेरवां पुलिस, गला काटकर हुई थी हत्या
हत्याकांड के खुलासे में रूचि नही ले रही मुण्डेरवां पुलिस, 6 महीने पहले हुई थी हत्याहत्याकांड में 6 महीने बाद भी खाली हाथ है मुण्डेरवां पुलिस, थाने पर है संदिग्धों का आना जाना
मुण्डेरवां थाना क्षेत्र के रामपुर रेवटी निवासी सन्तोष गुप्ता पुत्र भाष्कर गुप्ता ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर भाई की हत्या का खुलासा करने की मांग किया है। रामपुर रेवटी गांव के हरिकान्त गुप्ता की 03 मई की रात में गला काटकर हत्या कर दी गई थी। सन्तोष गुप्ता का कहना है उनके भाई घर के बाहर तख्त पर सोये थे। उठकर कब और कहां चले गये ये कोई नही जानता।
रात करीब 1.00 बजे घर के बाहर कुछ दूरी पर सो रहे पिता को उन्होने जगाया। पिता ने देखा तो वे पागल समझकर भगाने लगे, बाद में हरिकान्त की बेटी (14) आई और उसने कहा बाबा भगाओ नही ये हमारे पापा हैं। वे खून से लतपथ थे, गला कटा हुआ था। दोनो हाथ बंधे हुये थे। सन्तोष गुप्ता का कहना है कि अभी हम लोग सोच ही रहे थे कि क्या किया जाये इतनी रात में, बगल के रहने वाले राकेश सिंह व विमल सिंह पुत्र रामचरन सिंह बगैर किसी के बुलाये रात में 1 बजे हमारे घर आ गये। विमल सिंह बुरी तरह कांप रहे थे, 20 हजार रूपया दिये और खुद ही वाहन की व्यवस्था की। हरिकान्त को मुण्डेरवां थाने पर ले गये, वहां बोला गया पहले इलाज कराओं।
कोई पुलिसकर्मी साथ नही आया। उन्हे जिला अस्पताल लाया गया। डाक्टर ने भी बगैर पुलिस के इलाज करना शुरू कर दिया। करीब एक घण्टे बाद उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस 6 महीना बाद भी इस मामले में खाली हाथ है। पुलिस ने संदिग्धों के घर की कोई जांच नही की। मामले की लीपापोती करती रही। जबकि 15.8.24 को पुलिस ने सुमन सिंह (विमल सिंह की भाभी) के घर की तलाशी लिया तो घर पूरी तरह धुला हुआ पाया गया जबकि महीनों से घर में कांई मौजूद ही नही था। 29 सितम्बर को काफी बरसात होने पर सुमन सिंह के घर के सामने गड्ढे में गद्दा और तकिया पानी के ऊपर तैरता हुआ मिला, पुलिस को सूचना दी गई तो इसे बरामद कर जांच के दायरे में लिया गया। गद्दा तकिया खून से सना हुआ था। सुमन सिंह अकेले रहती हैं उनके पति पवन सिंह बाहर रहते हैं।
सन्तोष गुप्ता का कहना है कि इस मामले में पुलिस को तहरीर भी संदिग्धों नही ने ही दिया था। ऐसे अनेक तथ्य है जिनकी मदद से हत्या मामले का खुलासा हो जायेगा। लेकिन पुलिस जानबूझकर तथ्यों पर परदा डाल रही है और अभियुक्त आजाद घूम रहे हैं। सन्तोष गुप्ता का कहना है कि भाई हरिकान्त गुप्ता की हत्या में राकेश सिंह, विमल सिंह, सुमन सिंह, अमृत सिंह, लल्ला सिंह, सोनू सिंह, बुलेट सिंह, राजेश पुत्र सुखराज, सुबराती पुत्र गुलाम अली तथा जितेन्द्र सिंह शामिल हैं या तो इन्हे घटना की पूरी जानकारी है। कड़ाई से पूछताछ करने पर हत्याकांड का खुलासा हो जायेगा। सन्तोष गुप्ता का ये भी कहना है कि पुलिस ने मामले के खुलासे में दिलचस्पी नही दिखाई तो साफ जाहिर है कि उच्च स्तरीय दबाव और पैसों की लालच में इंसाफ का गला घोंटा जा रहा है और अभियुक्तों को संरक्षण दिया जा रहा है।
रात करीब 1.00 बजे घर के बाहर कुछ दूरी पर सो रहे पिता को उन्होने जगाया। पिता ने देखा तो वे पागल समझकर भगाने लगे, बाद में हरिकान्त की बेटी (14) आई और उसने कहा बाबा भगाओ नही ये हमारे पापा हैं। वे खून से लतपथ थे, गला कटा हुआ था। दोनो हाथ बंधे हुये थे। सन्तोष गुप्ता का कहना है कि अभी हम लोग सोच ही रहे थे कि क्या किया जाये इतनी रात में, बगल के रहने वाले राकेश सिंह व विमल सिंह पुत्र रामचरन सिंह बगैर किसी के बुलाये रात में 1 बजे हमारे घर आ गये। विमल सिंह बुरी तरह कांप रहे थे, 20 हजार रूपया दिये और खुद ही वाहन की व्यवस्था की। हरिकान्त को मुण्डेरवां थाने पर ले गये, वहां बोला गया पहले इलाज कराओं।
कोई पुलिसकर्मी साथ नही आया। उन्हे जिला अस्पताल लाया गया। डाक्टर ने भी बगैर पुलिस के इलाज करना शुरू कर दिया। करीब एक घण्टे बाद उनकी मृत्यु हो गई। पुलिस 6 महीना बाद भी इस मामले में खाली हाथ है। पुलिस ने संदिग्धों के घर की कोई जांच नही की। मामले की लीपापोती करती रही। जबकि 15.8.24 को पुलिस ने सुमन सिंह (विमल सिंह की भाभी) के घर की तलाशी लिया तो घर पूरी तरह धुला हुआ पाया गया जबकि महीनों से घर में कांई मौजूद ही नही था। 29 सितम्बर को काफी बरसात होने पर सुमन सिंह के घर के सामने गड्ढे में गद्दा और तकिया पानी के ऊपर तैरता हुआ मिला, पुलिस को सूचना दी गई तो इसे बरामद कर जांच के दायरे में लिया गया। गद्दा तकिया खून से सना हुआ था। सुमन सिंह अकेले रहती हैं उनके पति पवन सिंह बाहर रहते हैं।
सन्तोष गुप्ता का कहना है कि इस मामले में पुलिस को तहरीर भी संदिग्धों नही ने ही दिया था। ऐसे अनेक तथ्य है जिनकी मदद से हत्या मामले का खुलासा हो जायेगा। लेकिन पुलिस जानबूझकर तथ्यों पर परदा डाल रही है और अभियुक्त आजाद घूम रहे हैं। सन्तोष गुप्ता का कहना है कि भाई हरिकान्त गुप्ता की हत्या में राकेश सिंह, विमल सिंह, सुमन सिंह, अमृत सिंह, लल्ला सिंह, सोनू सिंह, बुलेट सिंह, राजेश पुत्र सुखराज, सुबराती पुत्र गुलाम अली तथा जितेन्द्र सिंह शामिल हैं या तो इन्हे घटना की पूरी जानकारी है। कड़ाई से पूछताछ करने पर हत्याकांड का खुलासा हो जायेगा। सन्तोष गुप्ता का ये भी कहना है कि पुलिस ने मामले के खुलासे में दिलचस्पी नही दिखाई तो साफ जाहिर है कि उच्च स्तरीय दबाव और पैसों की लालच में इंसाफ का गला घोंटा जा रहा है और अभियुक्तों को संरक्षण दिया जा रहा है।