हर घर जल योजना के नाम पर हुआ बड़ा घोटाला , सीमेंटेड पिलर सहित भरभराकर गिरी पानी की टंकी , मानक विहीन मसाले से हुआ था निर्माण , ठेकेदार द्वारा निर्माण सामग्री में बड़ी धांधली की आशंका , घोटाला करने को आल इज वेल बताते रहे जिम्मेदार , निर्माण एजेंसी एनसीसी लिमिटेड ने कराया था काम , 375•18 लाख रुपए से हुआ था टंकी निर्माण , ट्राॅयल के दूसरे दिन ही पिलर सहित ढ़ही टंकी - ग्रामीण
भ्रष्टाचार छिपाने को ठेकेदार ने भेजी जेसीबी , मौके पर नहीं पहुंचा कोई प्रशासनिक अधिकारी , महोली ब्लॉक की चितहला ग्राम पंचायत के ककरहिया गांव का मामला
जल जीवन मिशन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। इस योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जिसका उदाहरण सीतापुर के महोली इलाके में देखने को मिला। यहां करोड़ों रुपये की लागत से बनी पानी की टंकी ट्रायल के दूसरे दिन ही पूरा भरते समय भरभरा कर गिर गई। पानी की टंकी गिरने के बाद अब इसमें किए गए भ्रष्टाचार को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जा रहा है कंपनियां मानक के विपरित काम कर रहीं हैं, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं हो रहीं हैं।
दरअसल, ये पहला मामला नहीं है, जब जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार की बात सामने आई है। इससे पहले भी इस योजना में भ्रष्टाचार की बात कई अन्य जिलों से सामने आ चुकी है। जिसके कारण पीएम मोदी और सीएम योगी की ये महत्वाकांक्षी योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है।
वहीं, पानी की टंकी के गिरने पर यूपी कांग्रेस / समाजवादी पार्टी मीडिया सेल / सपा नेता आईपी सिंह समेत कई विपक्षी नेताओं ने गिरी हुई टंकी का वीडियो शेयर कर सरकार पर निशाना साधा है।
यूपी कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि, सीतापुर में ‘जल जीवन मिशन’ योजना के अंतर्गत पानी की टंकी बनाई गई और पहले ही ट्रायल में भरभरा के गिर गयी। बताया जा रहा है कि जिस गांव में यह टंकी बनाई गयी है वहां इस योजना के अंतर्गत करोड़ों रूपये खर्च हुए हैं। इतना खर्च होने के बावजूद भी टंकी पहले ही ट्रायल में गिर जा रही है यानी खर्च टंकी बनाने में कम और जेब भरने ज्यादा हुआ है।
जेई, एई, एक्सियन, सम्बन्धित विभाग के अन्य अधिकारी, स्थानीय विधायक, विभागीय मंत्री सब की जेब तक पहुंचते-पहुंचते बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होना लाजमी है। टंकी तो मिट्टी में मिल गयी अब कोई है जो इसका जवाब दे कि टंकी क्यों गिरी? जवाबदेही तो तय होनी ही चाहिये।