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अखिलेश यादव ने संविधान के नाम पर मांगा वोट,की भावुक अपील

 


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार भरोसे के लायक नहीं है। इस सरकार ने अपने फैसलों से देश की जनता को परेशानी और संकट में डाला है। भाजपा सरकार के नोटबंदी, जीएसटी, इलेक्टोरल बांड लाने के फैसलों से महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार बढ़ा है। मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला किया, देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई, नौकरियां चली गई। व्यापार ठप हो गया, रोजगार खत्म हो गया। नोटबंदी के फायदे गिनाने वाले भाजपा के लोग अब उस पर एक शब्द भी नहीं बोलते हैं।

    अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा इलेक्टोरल बांड की स्कीम लाई, उसके जरिए देश भर में जमकर भ्रष्टाचार और वसूली की। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स के छापे डलवा कर चुनावी चंदा वसूला और लोगों को डराया। डीजल पेट्रोल और रसोई गैस की कीमत बढ़ाकर महंगाई बढ़ाई। जीएसटी लाकर व्यापार को तबाह कर दिया और व्यापारियों का काम धंधा चौपट कर दिया। भाजपा ने किसानों, नौजवानों, व्यापारियों सभी को धोखा दिया है। बीजेपी सबसे झूठी पार्टी हैं। इसकी कथनी करनी में भारी अंतर है।

    भाजपा ने जनता से झूठे वादे किये। किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया, पूरा नहीं किया। नौजवानों को हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया लेकिन सरकार में आने पर ऐसे फैसले किए, जिससे युवाओं की नौकरियां चली गयीं।

    भाजपा ने महंगाई कम करने का वादा किया था लेकिन महंगाई बढ़ा दी। डीजल, पेट्रोल, गैस सिलेण्डर से लेकर दाल, सब्जी, दूध, तेल सभी चीजों के दाम बढ़ गये। महंगाई की मार से गरीब, मध्यम वर्ग सब तबाह हो गया है। संविधान की शपथ लेकर सत्ता में आयी भाजपा ने पूरे कार्यकाल में संविधान पर खरी नहीं उतरी। बाबा साहब के संविधान को खत्म करने का प्रयास किया। भाजपा ने संविधान के साथ लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया है। सत्ता का दुरूपयोग किया। संवैधानिक एजेंसियों का प्रयोग अपने विरोधियों को परेशान और प्रताड़ित करने के लिए किया। भाजपा आरक्षण विरोधी है। जनता के अधिकार छीन रही है। आज हर वर्ग में भाजपा के प्रति आक्रोश है। बेरोजगार, नौजवान भाजपा सरकार के कार्यप्रणाली से और नाराज है।

    भाजपा का शीर्ष नेतृत्व असत्य बयानबाजी कर जनता को बहकाने का प्रयास करती है। जनता भाजपा की वास्तविकता समझ चुकी है। इस बार लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा को माफ नहीं करेगी। पीडीए समाज अपने आरक्षण और आरक्षण देने वाले संविधान को बचाने के लिए भाजपा के खिलाफ थोक के भाव वोट कर रहा है तो भाजपाई सरेआम झूठ बोलने पर उतारू हो गये है। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में भाजपा सरकार ने जिस प्रकार पिछड़ों का आरक्षण मारा है। सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर वहां नौकरियों में आरक्षण को खत्म कर दिया गया है। विश्वविद्यालयों में हुई भर्तियों में नियमानुसार आरक्षण नहीं दिया गया। लोकसभा चुनाव में पीडीए की एकजुटता से भाजपा घबराई है। चुनाव में सामने हार खड़ी देखकर भाजपा एक बार फिर जनता को गुमराह करने के लिए पैतरेंबाजी कर रही है। देश की जनता और पीडीए जानता है कि भाजपा संविधान और आरक्षण की विरोधी है। इस बार जनता संविधान, लोकतंत्र और आरक्षण बचाने के लिए समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन के समर्थन में वोट कर रही है।

                

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