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एमएमसी प्रशिक्षण से शिक्षा के स्तर में हो रहा गुणात्मक सुधार

 स्कूल के विकास में एसएमसी की भूमिका महत्वपूर्ण

हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने कराया चौथी तिमाही का एसएमसी प्रशिक्षण

प्रशिक्षण में प्रदेश के 14465 स्कूलों के सदस्यों की रही भागीदारी



चंडीगढ़/हरियाणा- हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की तरफ से राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में गठित विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के सदस्यों को चौथी तिमाही का प्रशिक्षण दिया गया। 15 मार्च से 25 मार्च 2024 तक हरियाणा के सभी सरकारी विद्यालयों के एस.एम.सी. सदस्यों का चौथा त्रैमासिक प्रशिक्षण ए.बी.आर.सी. या बी.आर.पी. के माध्यम से आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में हरियाणा के सभी 14465 प्राथमिक और उच्च विद्यालयों की भागीदारी रही। एच.एस.एस.पी.पी. की  पहल से राज्य को सभी विद्यालयों की एस.एम.सी प्रशिक्षण की तिथि और समय की जानकारी पहले ही ऑनलाइन मिल जाती है।  यह पहल सुनिश्चित करती है कि प्रशिक्षण की प्रभावी ढंग से निगरानी की जाए। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक जीतेन्द्र कुमार (आईएएस) के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण हुआ।


हरियाणा शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2011 के तहत हर दो वर्ष के लिए सरकारी स्कूलों में एसएमसी का गठन होता है। एसएमसी विद्यालय के विकास का मजबूत मंच है, जिसमें अभिभावक, शिक्षक, पंचायत या नगर निगम पार्षद सदस्य व क्लस्टर अधिकारी की साझेदारी होती है। अभिभावक और शिक्षकों के बीच की साझेदारी मज़बूत हो और एस.एम.सी सदस्यों को उनकी ज़िम्मेदारी के बारे में जागरूक करने के लिए एस.एम.सी सदस्यों का प्रशिक्षण आवश्यक है। जुलाई 2023 तक हरियाणा के सभी सरकारी विद्यालयों में एसएमसी का गठन हो चुका था। जिसे सांझी सभा का नाम दिया गया। सांझी सभा में बहुत से स्कूलों के अभिभावकों ने स्वयं नामांकन कराया। छात्राओं का नामांकन बढ़ाने, उनकी विद्यालय में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना, विद्यालय में पानी की टंकी का निर्माण करवाना, कैमरे का व्यवस्था करवाना, दूर से आने वाले विद्यार्थीयों के लिए बस का प्रबंध करवाना, ऐसे कई कार्यों में अपना योगदान दिया है। 


प्रशिक्षण के दौरान हरियाणा के सभी सदस्यों को विद्यालय की वार्षिक विकास योजना के निर्माण की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में एसएमसी पोर्टल और विद्यांजलि पोर्टल 2.0 पर पंजीकरण के साथ उसके उपयोग की भी जानकारी दी गई। इस बार के एस.एम.सी. प्रशिक्षण में हुई गतिविधियों में से पिछले प्रशिक्षण में बताई गयी चीज़ों पर क्विज़ बड़ी सफलता रहा। साथ ही हर प्रशिक्षण के बाद रिसोर्स पर्सन द्वारा भरे गए रिफ्लेक्शन फॉर्म के ज़रिये न केवल प्रशिक्षण का अनुभव साझा किया गया, साथ ही आगे के प्रशिक्षण के लिए खुद के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किए गए। राज्य का निरंतर यह प्रयास रहता है कि एस.एम.सी को हर तरीके से जागरूक किया जाए और उनके सहयोग से विद्यालयों का विकास हो। प्रशिक्षण की पहल एचएसएसपीपी की साइंस कोऑर्डिनेटर सोनाली वोहरा ने की। एसएमसी को सक्रीय करने के लिए एचएसएसपीपी ने सामर्थ्य नामक संस्था के सहयोग से इन प्रशिक्षण सत्रों का संचालन किया।

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