फर्जी सरकारी कर्मचारी बनकर करते थे ठगी...
यूपी के जनपद हापुड़ की थाना साइबर क्राइम पुलिस ने सरकारी कर्मचारी बनकर गरीब व असहाय लोगों को कॉल करके प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत मकान दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी शातिर किस्म के साइबर अपराधी हैं, जिनके द्वारा विगत समय में सैकड़ों गरीब व असहाय लोगों के साथ इसी प्रकार की घटनाएं कर आर्थिक लाभ कमाया जा चुका है। एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि ग्राम सिमरौली निवासी योगेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर धोखाधड़ी हुई है। वह पहले लाइनमैन का काम करते थे और 2006 में उनके साथ एक हादसा हो गया था। जिस कारण इनके हाथ और पैर में चोट आई थी और वह अब दिव्यांग व्यक्ति हैं। काफी मेहनत से जो कमाई की थी वह साइबर फ्राॅड के माध्यम से लगभग 40 हजार रुपये प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर उसने ठग लिए गए। उन्होंने बताया कि पूछताछ करने पर आरोपियों ने बताया कि वह लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर घर, फ्लैट दिलाने के लिए काॅल करते हैं और जो संबंधित व्यक्ति होता है। उसको झांसे में लेकर उससे अपने खाते में 25 हजार, 30 हजार जो उनसे बनता है वह डलवा लेते थे। इसके बाद आरोपी अपना मोबाइल फोन बंद कर देते हैं। आसपास के जनपदों के साथ साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में लोगों के साथ साइबर फ्राॅड किया है। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने पिछले तीन - चार महीनों में उन्होंने साढ़े तीन-चार लाख रुपये अलग अलग लोगों से ठगे हैं। इस गिरोह के अन्य साथी भी हैं जो जनपद कानपुर के रहने वाले हैं। पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि उनके गांव में और भी एेसे कुछ साथी हैं जो इनके साथ मिलकर एेसा काम करते हैं। संबंधित जनपद की पुलिस और वहां के अधिकारियों को इनकी और इनके गैंग के बारे में जानकारी दी जा रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।