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14 कोसी परिक्रमा में उमड़ा श्रद्धा का जनसैलाब

अयोध्या में  पग पग पर आस्था का सैलाब ।

 श्रद्धा से लवरेज श्रद्धालुओं ने मुहूर्त से 2 घंटे पहले ही शुरू कर दी अयोध्या की परिक्रमा ।



 सोमवार की देर रात्रि अक्षय नवमी की बेला होते ही लाखों श्रद्धालुओं ने अयोध्या की धूल माथे पर लगाकर 14 कोसी परिक्रमा शुरू कर दी । हालांकि परिक्रमा शुरू करने का मुहूर्त सोमवार की रात्रि 2:09 से था लेकिन दूर दराज से आए लोगों का उत्साह इतना अधिक रहा कि लोगों ने 2 घंटे पूर्व ही परिक्रमा शुरू कर दी । अयोध्या के 14 कोस की परिधि कि यह परिक्रमा मंगलवार की रात्रि 11:38 तक चलेगी । कहा जाता है कि जो अयोध्या के 14 कोस की यह परिक्रमा करता है उसका कभी क्षय  नहीं होता और वह जीवन मरण के बंधन से मुक्त होकर परमधाम को प्राप्त करता है । लोगों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी इस बार मंथन की लंबी बैठकों के बाद चुस्त दुरुस्त व्यवस्था की है । 

  दिल में आस्था और भक्ति की भावना लिए श्रद्धालु कदम से कदम बढ़ाते अयोध्या की परिक्रमा कर रहे हैं । कार्तिक शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी को शुरू होने वाली 14 कोसी परिक्रमा के बारे में कहा जाता है कि यह वह मुहूर्त होता है जब जो भी काम किया जाए वह क्षय नहीं होता है । उसका विनाश नहीं होता है और जन्म-जन्मांतर में जो पाप या जाने अनजाने गलती हुई होती है परिक्रमा का एक-एक कदम चलकर उसका पश्चाताप हो जाता है । यही नहीं 14 कोसी परिक्रमा के बारे में कहा जाता है कि यह परिक्रमा करने से आत्मा जीवन चक्र से मुक्त हो जाती है । 

 परिक्रमा में शास्त्र हमारा बताता है कि यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च। तानि सवार्णि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे । जो परिक्रमा करेंगे , जितने कदम चलेंगे, उतने कदम से उनके जो प्रायश्चित हैं वह नष्ट होंगे । उनको जीवन के चक्र से मुक्ति होकर चार  प्रकार की मुक्तियां प्राप्त होगी जिससे आवागमन मिट जाएगा और अयोध्या जिस  समय परिक्रमा शुरू होती है तो मानव  मानो मालाकार , मानो जो मानव है अयोध्या के परिक्रमा करने वाले और बीच में अयोध्या है और मानव की माला है । बहुत सुंदर दृश्य दिखाई पड़ता है तो यह आध्यात्मिक भी है , वैज्ञानिक भी है,  यह धार्मिक भी है जो जिस प्रकार से जिस भावना से परिक्रमा करता है उसको उसे प्रकार का फल मिलता है ।

 श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण और मकर संक्रांति के बाद जनवरी 2024 में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के कारण इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ काफी अधिक है । जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर पुख्ता व्यवस्था कर रखी है । 

14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा हमारे यहां है तो उसके बाद कार्तिक पूर्णिमा का स्नान भी है इसके लिए हम लोगों ने मल्टी लेवल बैठक की है । सभी डिपार्टमेंट के साथ कोऑर्डिनेशन बैठक हमने किया है ।  पूरे परिक्रमा पथ का हमारे द्वारा निरीक्षण किया गया था क्योंकि 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा निर्माण अधीन परिक्रमा पथ है उसका चौड़ीकरण होना है और कार्य संचालित है ।अभी जो वर्तमान में व्यवस्था के तहत जो भी मलवा है उसको हटाने का प्रयास किया है लेकिन अभी कार्य चल रहा है तो हमने जो रूट है हमने प्रयास किया है कि जो मैक्सिमम है वह मिले हमको और जो एरिया है उसको व्यापक रूप से देखा है कि कहां-कहां भक्तगण एक साथ निकलते हैं उसको हम क्रम में जारी करते रहेंगे कुछ जो हमारे  पॉइंट्स है,  रेलवे क्रॉसिंग के पॉइंट हैं , उसमें हम लोगों ने अन्य जिलों से भी पुलिस के अधिकारियों की नियुक्ति किया है । वहां पर 3 लेवल की  वैरिकेटिंग की गई है ताकि जब ट्रेन आए तो उसको व्यवस्थित करें । परिक्रमा को किस प्वाइंट पर हमें कैसे रोकना है , कब संचालित करना है , उसको किस तरीके से संचालित करना है , व्यापक तरीके से गाइडलाइन दिया है । इस क्रम में हम लोगों ने आज जोनल मजिस्ट्रेट , सुपर जोनल मजिस्ट्रेट सेक्टर में मजिस्ट्रेट की बैठक की है उनको सबको ब्रीफिंग किया गया है व्यापक तरीके से ।

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