शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर पहुचते ही अंतिम विदाई के लिये लोगों की उमड़ी भीड़।
कासगंज, सिक्किम मे बादल फटने की घटना में शहीद हुये सैनिक राघवेंद्र कुमार सिंह का पार्थिव शरीर आज सेना के जवान उनके घर कासगंज लेकर पहुंचे, जहां उन्हें गमगीन माहौल में सलामी देकर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
जनपद कासगंज की सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव सलेमपुर पीरौंदा निवासी सैनिक राघवेंद्र सिंह वर्ष 2004 में सेना में भर्ती हुए थे, बतादें कि 6 महीने पहले उनकी पोस्टिंग सिक्किम में हुई थी, लगभग 14 दिन पहले सेना का वाहन चलाकर सेना की टुकड़ी लेकर जा रहे थे। इसी बीच सिक्किम की तीस्ता नदी में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई और सैनिक, ट्रक के साथ बह गये। धीमे-धीमे तमाम सैनिकों के शव मिले, लेकिन सैनिक राघवेंद्र लापता थे। उनकी तलाश में सेना सर्च ऑपरेशन चल रही थी। कड़ी मशक्कत के 13 दिन बाद सैनिक राघवेंद्र का शव मिला, शव मिलने के बाद उनके घर में कोहराम मच गया, जैसे ही यह खबर उनके गाँव पहुंची वैसे ही पूरे क्षेत्र में गमगीन माहौल हो गया, वहीं सेना के जवानों द्वारा आज शहीद राघवेंद्र का पार्थिव शरीर कासगंज के गांव सलेमपुर पीरौंदा लाया गया, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिये लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सैकड़ो की संख्या में लोगों ने गांव पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। आगरा से आये सेना के जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ शहीद राघवेंद्र को अंतिम सलामी दी। उसके बाद छह वर्षीय बेटे जगत प्रसाद ने पिता के शव को मुखाग्नि दी है। माहौल पूरी तरह गमगीन बना रहा। परिवार के लोग भी रोते बिलखते रहे। बच्चों का भी रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं गांव के लोगों को सेना के इस जवान पर गर्व महसूस हो रहा है।
क्षेत्रीय सांसद, विधायक सहित आला अधिकारी रहे नदारद।
बता दें कि जहां आज सेना के जवान शहीद राघवेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सलेमपुर पीरौंदा सेना लेकर पहुंचे, तो गांव के लोगों के साथ-साथ क्षेत्रीय जनता भी उनको श्रद्धांजलि देने पहुंची, वहीं कासगंज जनपद के क्षेत्रीय सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया, कासगंज विधायक देवेंद्र राजपूत सहित कासगंज डीएम, एसपी ने उनके गांव तक पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई।
