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मदरसे के नाम पर हुआ बड़ा खेल,जांच के बाद खिसक गई जमीन

हरदोई के मदरसों में बड़ा फर्जीवाड़ा,2400 छात्रों का नहीं मिला ब्यौरा,डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने कहा शासन को भेजेंगे रिपोर्ट

 मदरसों से गुम हो गए 2400 विद्यार्थी

आधार सत्यापन के दौरान सामने आया मदरसों का फर्जीवाड़ा

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से ले रहे थे छात्रवृत्ति

गायब छात्रों की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी

बड़ा सवाल गायब छात्रों में तमाम छात्रों को मिल रही छात्रवृत्ति कहां जा रही थी



यूपी के हरदोई में विद्यार्थियों के नामांकन के साथ आधार की अनिवार्यता से जनपद में चल रहे मदरसों में फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आया है।मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति उनके खाते में भेजी जाए लिहाजा शासन के निर्देश पर विद्यार्थियों को आधार से जोड़ा गया।विगत वर्ष पंजीकृत छात्रों का आधार वेरीफिकेशन कराया गया तो 2400 छात्रों का आधार वेरिफिकेशन नहीं हो सका है।ऐसे में अब जिला प्रशासन शासन को इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।अभी तक पंजीकृत अधिकतर छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि गायब मिले छात्रों में तमाम छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति कहां जा रही थी।

-दरअसल हरदोई जनपद में 141 मदरसे संचालित है, पिछले शिक्षा सत्र में 25944 बच्चे अध्ययन कर रहे थे। शासन के स्पष्ट निर्देश थे कि सभी विद्यार्थियों को आधार से जोड़ा जाए।इसके पीछे की वजह थी कि जो छात्रवृत्ति थी वह ऑनलाइन छात्रों के खाते में पहुंच सके और फर्जीवाड़ा न हो सके।सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कई बार छात्र मदरसों या किसी प्राइवेट संस्थान में पढ़ते हैं या फिर इनका कोई अस्तित्व ही नहीं होता है।जब इन छात्रों को आधार से लिंक किया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। यू डाइस पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक विगत शैक्षणिक सत्र में जनपद में संचालित 141 मदरसों में 25944 विद्यार्थी थे और 31 अगस्त तक यू डायस पोर्टल के जरिए सभी को आधार लिंक कराना जरूरी था।इसके लिए सभी मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों का आधार वेरिफिकेशन कराया गया और 31 अगस्त को पोर्टल लॉक कर दिया गया।यू डायस पोर्टल लॉक होने के बाद 2400 छात्र नदारद मिले जिनका आधार वेरिफिकेशन नहीं हो सका या ये कहें कि वह अस्तित्व में ही नहीं है।ऐसे में आधार से जुड़ने के बाद 2400 छात्रों का पता नहीं चल पा रहा है।हालांकि पंजीकृत सभी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही थी लेकिन विभागीय सूत्रों के मुताबिक गायब मिले छात्रों में तमाम ऐसे छात्र थे जो इसका लाभ ले रहे थे।सवाल यह उठता है कि आखिर इन छात्रों की छात्रवृत्ति कहां जा रही थी और किस के खाते में जा रही थी और कौन इसका इस्तेमाल कर रहा था।अल्पसंख्यक विभाग के अनुसार मदरसो में पढ़ रहे बच्चों को 300 रुपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति दी जाती थी,मतलब एक छात्र को 3600 रुपए सालाना की छात्रवृत्ति मिलती थी।ऐसे में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है और विभाग इसकी जांच कर रहा है,अब नदारद छात्रों का ब्यौरा जिला प्रशासन शासन को भेजेगा।

-इस बारे में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि देखिए जनपद में जितने मदरसे हैं और उसमें जितने बच्चे हैं सभी को आधार सीड किया गया था,आधार सीडिंग के बाद करीब डेढ़ या दो महीने पहले साढ़े 9 हजार छात्र ऐसे थे जो अनआईडेंटिफाई थे बाद में फिर उनका सर्वे कराया गया उनकी जांच कराई गई बहुत सारे स्टूडेंट्स ऐसे मिले जो रजिस्टर्ड पाए गए,आज की डेट में जनपद हरदोई में 2400 स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो अन आईडेंटिफाई हैं,विभाग उनकी जांच कर रहा है जांच के बाद वह अभी भी अन आईडेंटिफाई मिलते हैं तो हम तदनुसार शासन को अवगत कराएंगे।

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