पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अयूब खान का बयान
राजनीतिक पार्टियों ने संविधान की मूल भावना के अनुरूप कार्य नहीं किया है।
सरकारों की नीति और नियत ठीक नहीं है।
जो सेकुलर विचारधारा की पार्टियां है दावा करती है मगर वास्तव में धर्मों और संविधान का सम्मान नहीं करती है।
सन 1950 में धर्म के आधार पर हिंदू दलितों को तो आरक्षण दिया गया भेदभाव के चलते मुस्लिम और ईसाई को आरक्षण नहीं दिया।
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर पीस पार्टी की अपनी अलग तैयारी है ।
लोकसभा चुनाव में 80 सीट हैं जिसमें से 50 सीटों पर पीस पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी।