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रेलवे में टेंडर के नाम पर चल रहा बड़ा खेल,CBI ने एक अधिकारी को किया गिरफ्तार

 सीबीआई छापेमारी अपडेट, दो दिनों से सीबीआई ने जमाया था डेरा,ठेकेदार बनकर टीम ने की थी अफसर से मुलाकात, 2.61 करोड़ रुपये बरामद


 गोरखपुर में तैनात प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (प्रिंसिपल चीफ मैटीरियल मैनेजर) केसी जोशी को सीबीआई ने मंगलवार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ जेम पोर्टल के जरिए रेलवे का टेंडर हासिल करने वाली फर्म के मालिक ने सात लाख रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।

गोरखपुर में जेम पोर्टल से पंजीकरण निरस्त कराने के नाम पर रिश्वत मांगने के आरोप से घिरे प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक केसी जोशी को पूरी तैयारी के साथ पकड़ा गया। दो दिन तक सीबीआई की एसीबी टीम ने गोपनीय ढंग से जांच की। जांच में पुष्टि के बाद मंगलवार को कार्रवाई की गई। गोरखपुर रेलवे के प्रिंसिपल चीफ मैनेजर केसी जोशी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। जो 1988 बैच के आईएसएसएस अधिकारी हैं। उन्हें 3 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। रेड के दौरान उनके पास से 2.61 करोड़ रुपये मिले हैं। 

गोरखपुर के अलहदादपुर निवासी व सूक्ति एसोसिएट्स के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी ने सात सितंबर को ही मामले की शिकायत सीबीआई की एसीबी विंग के पुलिस अधीक्षक से की थी। इस दौरान ही उन्होंने मोबाइल से बातचीत का चैट भी दे दिया था, जिससे संदेह और गहरा हो गया था। इसके बाद दो सदस्यीय टीम गोरखपुर के रेलवे अधिकारी के दफ्तर में मंडराने लगी थी। 


सूत्रों की मानें तो केसी जोशी से ठेकेदार बनकर सीबीआई के लोगों ने मुलाकात भी की थी। उन्हें भनक तक नहीं लगी और उसकी संदिग्ध गतिविधियों से सीबीआई को मामले में सचाई नजर आई। इसके बाद टीम की रिपोर्ट पर मंगलवार को सीबीआई ने केस दर्ज कर आरोपी को रंगेहाथ दबोच लिया।


जानकारी के मुताबिक, नौ सितंबर को ही प्रणव ने लखनऊ में जाकर पुलिस अधीक्षक से सीधी मुलाकात की थी। उन्होंने वहां पर प्रार्थना पत्र देते हुए बताया था कि उनसे रिश्वत मांगी जा रही है, लेकिन वह नहीं देना चाहते। इस वजह से कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने पुलिस अधीक्षक को व्हाट्सएप चैट, कॉल रिकॉर्ड भी दिखाया था। 

प्रणव अपने साथ इतने सबूत लेकर गए थे, जिससे शुरुआती जांच से लग गया था कि उनकी बातों में सचाई है। इसके बाद ही एसपी ने इसकी गोपनीय जांच का आदेश दिया। गोपनीय ढंग से आई टीम ने रेलवे दफ्तर में आकर दो दिन तक जांच की। लेकिन किसी को खबर नहीं लगी। अधिकारी के साथ ही उनके कर्मचारी भी बेखबर थे।


सूत्रों की मानें तो टीम के सदस्यों ने ठेका लेने की बात करते हुए अधिकारी से मुलाकात भी की थी। तब उन्होंने ऑनलाइन काम कराने की बात कही, बातचीत के दौरान ही केसी जोशी ने काम दिलाने को लेकर कुछ ऐसा संकेत दिया, जिससे सीबीआई की एसीबी टीम का शक और गहरा गया। 

पूरा होमवर्क करने के बाद ही टीम ने लखनऊ एसपी को इसकी सीधी जानकारी दी थी। इसके बाद केस दर्ज कर ट्रैप करने का फैसला लिया गया और मंगलवार की शाम पांच बजे टीम ने आरोपी केसी जोशी को दबोच लिया।


रेलवे में मचा हंड़कंप, सब जानकर अंजान बन रहे अफसर-कर्मचारी

शाम पांच बजे केसी जोशी के पकड़े जाने के बाद ही पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। सब अंदर ही अंदर चर्चा करने लगे, लेकिन बताने से कुछ भी बचते रहे। हर कोई किसी भी जानकारी से इंकार करता रहा तो पुलिस वाले भी बेखबर ही थे। विभाग में उनकी गिरफ्तारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

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