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विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने का माध्यम बन सकता है योग : सीएम योगी

विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने का माध्यम बन सकता है योग : सीएम योगी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारतीय मनीषा की तरफ से विश्व मानवता के कल्याण के लिए दिया गया एक उपहार व माध्यम है। भारतीय ऋषि परंपरा से प्राप्त यह ऐसी विधा है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योग की महत्ता को अंगीकार कर आज दुनिया के लगभग दो सौ देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की ऋषि परंपरा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। 


सीएम योगी 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों, प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और वैश्विक मंच पर योग की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार जताया। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं। विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने में योग माध्यम बन सकता है।

सीएम ने कहा कि भारत ऐसे ही विश्व गुरु नहीं हुआ। यहां जो कुछ भी है वह व्यवहारिक है, पहले से प्रमाणित है। और, योग भी उसी परंपरा का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों की भारतीय मनीषा की परंपरा योग हम सबकी विरासत का हिस्सा है। हमें योग की विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। हजारों वर्षों से जिस योग को हम अपने जीवन का हिस्सा मानते रहे हैं, वह आज वैश्विक मंच पर छाता हुआ पूरी दुनिया को अपनी और आकर्षित करता हुआ दिखाई दे रहा है।


भारत की आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने वाली

सीएम योगी ने दुनिया में पिछले तीन-साढ़े तीन साल में जिस महामारी की चपेट में पूरी दुनिया आई थी, उस कोरोना कालखंड में भी दुनिया के अंदर सर्वाधिक मांग भारतीय आयुष पद्धति की हो रही थी। सबने यह माना कि भारतीय आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान कर सकती है। वास्तव में भारतीय आयुष पद्धति हमारी ऋषि परंपरा की तरफ से संपूर्ण आरोग्यता की लक्ष्य प्राप्ति हेतु मानवता के कल्याण का प्रशस्त पथ है जिसकी ओर पूरी दुनिया आकर्षित हो रही है। उन्होंने कहा कि आयुष की मांग लगातार बढ़ रही है। जो लोग पहले चाय पीते थे, कोल्ड ड्रिंक लेते थे, कोरोना कालखंड में उनमें से बहुतायत काढ़ा पीने लगे। यह भारत के आयुष की देन है। हल्दी भारत की रसोई का प्रमुख हिस्सा है। आज दुनिया के अंदर इसकी बढ़ती हुई मांग भारत के किसानों के लिए एक नए अवसर को भी प्रदान करती है। 


योग से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, दोनों की प्राप्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी परंपरा शरीर को धर्म का साधन मानती है। 'शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्'। किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति चाहे वह नौकरशाह हो, उद्योगपति हो या फिर किसान-मजदूर, अपना कार्य अच्छे से तभी कर पाएगा जब उसका शरीर स्वस्थ होगा। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मस्तिष्क भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हम लोग व्यायाम या एक्सरसाइज कर लेते हैं। पर, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी चाहिए। योग ऐसी विधा है जो स्वस्थ शरीर के साथ हमें स्वस्थ मस्तिष्क भी देती है। 

योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश का मार्ग

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने का मार्ग होता है जो चेतना के विस्तृत आयाम को आगे बढ़ाता है। चेतना के बहुत छोटे से भाग का हम उपयोग कर पाते हैं लेकिन इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है। उस चेतना के विस्तृत क्षेत्र में प्रवेश करने का माध्यम है योग। जबकि एक सामान्य गृहस्थ या सामान्य नागरिक के लिए योग शारीरिक और मानसिक आरोग्यता प्राप्त करने का माध्यम है। योग की परंपरा के साथ आज दुनिया जुड़ती दिखाई दे रही है। दुनिया में लोगों के सामने विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं। कोई शारीरिक बीमारियों से तो कोई मानसिक रूप से परेशान है। ऐसे में संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने की दिशा में योग की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है।  

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