नई संसद का उद्घाटन जम्हूरियत के खिलाफ,सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का विरोध
नए संसद भवन का भव्य उद्घाटन हो चुका है हिंदू मुस्लिमऋ सिख जैन समेत सभी धर्मों की प्रार्थना सभा हुई समूची दुनियां ने भारत के भव्य नए संसद भवन के उद्घाटन को देखा है मगर संभल सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का विरोध अब भी खत्म नहीं हुआ है ।सांसद ने कहा है कि संसद का उद्घाटन जम्हूरियत के खिलाफ हुआ है राष्ट्रपति को उद्घाटन में बुलाना चाहिए था।
सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा अकेले पीएम का हिंदुस्तान नहीं हिंदू मुसलमान समेत सभी धर्मों का हिंदुस्तान है।
संवैधानिक ऐतबार से राष्ट्रपति को बुलाना चाहिए था संसद का उद्घाटन इतना बड़ा काम था तो पीएम के वजाय राष्ट्रपति से उद्घाटन कराना चाहिए था।
राष्ट्रपति के भाषण को उपसभापति ने पढ़ा जिससे कानूनी पोजीशन पूरी नहीं हुई।
पीएम ने नई संसद का उद्घाटन कर दिया.चलो संसद तो बन गई अपोजीशन ने बायकाट किया।
जब बीजेपी ने राष्ट्रपति को इन्वाइट नहीं किया तो और जनता का क्या होगा? सभी की संसद भवन में हिस्सेदारी है उद्घाटन का हक राष्ट्रपति का बनता है नई संसद का उद्घाटन जम्हूरियत के खिलाफ है।
