स्कूली बालिका की मौत पर भड़के अयोध्यावासी उतरे सड़कों पर,बड़ी संख्या में स्कूल टीचर बालिकाएं और महिलाएं रही शामिल
स्कूली छात्राओं ने जताया अपनी असुरक्षा का डर, कहां कैसे जाएं स्कूल
अयोध्या के सनबीम स्कूल में हुई बालिका की संदेहास्पद मौत को लेकर अब आम जनता का आक्रोश फूट पड़ा है. अलग-अलग स्कूल की शिक्षाएं हो, छात्राएं हो, घरेलू महिलाएं हो, या फिर आम अयोध्या वासी, हाथों में हाथों में इंसाफ देने और दोषियों को फांसी देने के स्लोगन लिखे कटआउट लिए इन लोगों का जुलूस अयोध्या के जिन जिन रास्तों से गुजरा वसीम का हुजूम दिखाई दिया,... भारी कोलाहल के बीच इंसाफ दो फांसी दो के नारे हवा में गुंजायमान होते रहे .. इस दौरान विद्या पुलिस के विरोध में भी नारेबाजी हुई. अयोध्या शहर के हर चौराहे पर लगभग यही स्थिति दिखाई देती रही . आलम यह रहा कि सोमवार शाम शुरू हुआ यह जुलूस और विशाल प्रदर्शन लगभग 3 घंटे बाद देर शाम खत्म हुआ. प्रदर्शनकारियों के भारी विरोध को देखते हुए फिलहाल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से दूरी बनाए रखें ।
विरोध प्रदर्शन में शामिल बच्चियां इस घटना को लेकर जो कुछ कह रही हैं वह सचमुच हिला देने वाला है।कोई बच्चियां कह रही है कि उनके पिता और परिजन अब किस तरह किस भरोसे उन्हें स्कूल भेजेंगे , तो कोई बच्ची कह रही है क्या पता हमें भी स्कूल की छत से फेंक दिया जाए और हमारा भी बलात्कार हो जाए, कोई महिला कह रही है उसका 8 साल का बच्चा स्कूल जाने से डर रहा है।कहता है मार देंगे, कोई बच्ची कहती है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली सरकार में क्या यही कुछ होगा , कोई योगी आदित्यनाथ से गुहार लगा रहा है कि बुलडोजर लगाइए और स्कूल को गिरा दीजिए ।
दिखाई नहीं देता है बार-बार हर स्कूल में यही हो रहा है हम स्कूल जाना बंद कर दें क्या।
आप लोग बताइए कि क्या स्कूल भी सेफ नहीं है हम अपने पैरंट्स का घर छोड़ कर जाते हैं स्कूल में जिससे हमें सेफ रखा जा सके, लेकिन वहां भी लड़कियों को सेफ नहीं रखा जा सकता तो हमारे पेरेंट्स किस हक से स्कूल भेजें पढ़ने के लिए बताइए आपह लोग अगर वह लोग जिंदाबाद बच जाएंगे तो ऐसे बहुत लोग ऐसे हमें स्कूल से फेंक दिया जाएगा हमारा रेप कर दिया जाएगा ये तो गलत है ना ये नहीं होना चाहिए।
क्योंकि उन्हें पब्लिक के सामने गिरफ्तार करें क्योंकि जो कुछ भी हुआ पब्लिक के सामने हुआ तो है नहीं तो हम कैसे मान लें की पूरी पुलिस प्रशासन6 उनकी गिरफ्तारी की है हम कैसे मान ले कि हम लोगों को न्याय दिलाएंगे हम लोगों को न्याय मिलना चाहिए मौत के बदले मौत।
कोई अपने बच्चों को भेजने के लिए नहीं तैयार है मेरा बच्चा बस 8 साल का है ओ बोल रहा है की मम्मा मैं स्कूल जाऊं कहीं मुझे सर ऊपर से फेंक ना दे मैं अपने बच्चे को कैसे स्कूल भेजूं मैं अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेज सकती, 8 साल के बच्चे को डर हो गया है कहीं सर मुझे टेरिस फेक फेंक ना दें।
कृपया इसे राजनीति का पक्ष ना लें कोई जातिवाद ना फैलाएं हमारी बच्ची है ओ उसे मारा गया है और ये बृजेश यादव के स्कूल पर बुलडोजर चलाया जाए और हॉस्पिटल बनवाया जाए और इन्होंने हमारे घर के बच्चों के साथ बहुत अन्याय किया है हमने अपने बच्चों को निकाला है शिकायत लेकर जाते थे इनकी प्रिंसिपल नहीं सुनती थी ऑनर विजय बृजेश यादव बहुत बड़ा बदमाश है इससे हमारे बच्चों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है मेंटल टॉर्चर किया वहां की मेरी कई सारी टीचर ने स्कूल छोड़ा है जो डिप्रेशन में आ चुकी हैं ऑनर और प्रिंसिपल को फांसी दी जाए स्कूल को गिरा कर बिल्डिंग बनवाई जाए।
