WFI अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने आज अपने पैतृक आवास विश्नोहरपुर पर मीडिया से मुखातिब होते हुए जंतर मंतर पर पहलवानों द्वारा दिये जा रहे धरने को लेकर कहा कि सरकार के पास मीडिया के पास इन्होंने अपनी आवाज बुलंद नहीं की और आवाज बुलंद भी की तो जंतर मंतर पर की। सांसद ने कहा कि अभी साईं में 2022 में एक यौन हरसमेंट को लेकर के एक बैठक किया था। प्रकरण कोई दूसरा था लेकिन कुश्ती के बच्चों से भी पूछा गया था और इन्होंने एक स्वर में उत्तर दिया था। 2022 की घटना है लखनऊ कैंप की इन्होंने एक स्वर से उत्तर दिया था कि आज तक कुश्ती में यौन शोषण की कोई घटना नहीं घटी। 2022 में देखिए अब हमारे सफाई देने से भी कोई काम नहीं चलेगा और उनके कहने से भी कोई काम नहीं चलेगा। यह सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। दिल्ली पुलिस इसकी जांच कर रही है। इनको कम से कम जांच का भरोसा करना चाहिए। इसके पहले भी इन्हीं लोगों के मांग पर एक कमेटी सरकार ने बनाई थी। ओवर कमेटी जिसमें इनका एक प्रतिनिधि इनके कहने के बाद शामिल हुआ था जो कि स्वयं धरने का सूत्रधार था। लेकिन उसके बावजूद इन्होंने उसकी प्रतीक्षा नहीं की। सांसद बृज भूषण ने कहा कि यह कोई छोटा-मोटा आरोप नहीं है एक तरफ इस देश के नामी गिरामी खिलाड़ी है और मैंने कोई कमेंट किया है तो कोई ऑडियो होना चाहिए, कोई वीडियो होना चाहिए, कोई सबूत होना चाहिए, अब तो यह मामला कोर्ट में है बिना सबूत के नहीं चलेगा। जुबान से यह मामला नहीं चलेगा।
सांसद ने विनेश फोगाट के बारे में बारे में बताते हुए कहा कि दूसरा मैं यह कहना चाहता हूं कि अभी एक इंटरव्यू एक खिलाड़ी का चल रहा है। वह शायद 2018 का इंटरव्यू है। किसी ME TOO को लेकर के इंटरव्यू चल रहा है और उसमें खिलाड़ी तब कहती है कि हमारे साथ इस प्रकार की कोई घटना नहीं घटी। क्योंकि हम बड़े दबंग लोग हैं और हमारे साथ इस प्रकार की कोई घटना नहीं घटी। तीसरी बात कहना चाहता हूं कि जब यह लोग धरने पर बैठे थे और आप ही लोगों ने सवाल किया था कि क्या कभी आपके साथ कोई कोई घटना घटी। तो इन लोगों ने कहा कि हमारे साथ नहीं घटी है अन्य लोगों के साथ घटी है। इन्होंने कहा कि हमारे साथ घटना नहीं घटी है अन्य लोगों के साथ घटी है।
सांसद ने कहा कि नारा लगा रहा है मोदी जी के खिलाफ, नारा लगा रहा है योगी जी के खिलाफ, एक तरीके से पूरे पार्टी को कटघरे में खड़ी की गई है। जितना गाली देना हो हमको गाली दे, लेकिन हमारे नेताओं का अपमान करेंगे तो मेरे भी शब्द फिसलेंगे। मेरे नेताओं का अपमान करेंगे। सबसे कहना चाहता हूं कि न्यायपालिका से बड़ा कोई नहीं है। जांच एजेंसी कोई भी हो और मैं यह भी कहना चाहता हूं कि अगर इनको दिल्ली पुलिस पर नहीं विश्वास है तो सीबीआई से जांच करा लें।
