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किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने भागवत कथा के जरिये बताया किन्नरों का इतिहास


किन्नरों के जीवन और उनकी उत्पत्ति से लोगों को रूबरू कराने के लिए धर्म नगरी वृंदावन में पहली बार हो रही है किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के द्वारा भागवत सप्ताह कथा। जिसके द्वारा जहां भगवान की लीलाओं को भक्तो को सुनाया जा रही है तो इस भागवत सप्ताह में श्रद्धालुओं को किन्नर समाज के इतिहास से भी उन्हें रूबरू कराया जा रहा है ।

 आपने भगवान श्री कृष्ण या श्री राम जी की कथा का प्रचार प्रचार करने के लिए तो अनेकों भागवत कथा सुनी या होते हुए तो जरूर देखी होंगी लेकिन वृंदावन में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के मुख से ये भागवत कथा का गुड़गान किया जा रहा है ।जिसके लिए किन्नर महा मंडलेश्वर मुंबई से वृंदावन आई है और गुजरात के भक्तो द्वारा उनकी कथा धर्म नगरी की पवन धरा पर कराई जा रही है ।

किन्नर कथा वाचक के द्वारा इस कथा में विशेष रूप से जहां भगवान की लीलाओं का बखान किया जा रहा है तो उनके द्वारा दूर दूर से आए श्रोताओं को अपने यानी किन्नर समाज के बारे में भी बताया जा रहा है। ताकि लोग भी ये जाने की भगवान राम और श्री कृष्ण की कथाओं में किन्नरों का क्या स्थान है। उसी के साथ जहां लोग समाज में महिला और पुरुषो को एक समान मानते है लेकिन ये किन्नर समाज भी तो उसी ब्रह्मा के द्वारा ही उत्पति है जहां से नर और नारी पैदा होते है तो ।वैसे तो ब्रज में अनेकों बड़े बड़े भागवताचार्य और आचार्य मौजूद है लेकिन उनकी कथाओं में भगवान की कथा तो सुनने को मिलती है लेकिन हमारे समाज में तीसरा स्थान रखने वाले किन्नरों के जीवन के बारे में भी कथा सुनने के लिए गुजरात से आए विनोद पटेल सहित कई दर्जन गुजराती श्रोताओं द्वारा ये भागवत सप्ताह कराई जा रही है । अपनी भागवत सप्ताह के बारे में बताते हुए किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी कहती है की इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है की किन्नर महामंडलेश्वर के द्वारा ब्रज भूमि वृंदावन में भागवत सप्ताह कही जा रही है। जोकि यहां गुजरात के आयोजको द्वारा कराई जा रही है जिसका उद्देश्य यही है की वृंदावन में एक से एक बड़े भागवताचार्य है मगर उनकी कथाओं में कहीं भी किसी भी जगह पर किन्नरों के बखान नही होते है उनकी उत्पत्ति के बारे में नही बताया जाता है ।जिसे लेकर उन्होंने कहा है की में ये अनुरोध करती हूं की वो भी अपनी कथाओं के दौरान किन्नरों की उत्पत्ति को लेकर जरूर बताएं की आखिर किन्नर भी तो उसी ब्रह्मा की संतान है ।वहीं उन्होंने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के और साईं बाबा के विवाद में बोला की साईं बाबा भगवान नही है लेकिन वो गुरु है तो गुरू की पूजा तो सबको करनी चाहिए ।

वहीं आयोजको का कहना है की हमने भी यही सोचा की पहले किन्नरों को भागवत सुनाएं मगर फिर विचार आया कि क्यों न किन्नर महामंडलेश्वर के द्वारा ही भागवत सुनी जाए ताकि उनसे भगवान की कथा के साथ किन्नरों के जीवन और उनकी उत्पत्ति को लेकर भी लोगों को पता चले और इस कथा को करवा कर उन्हें काफी खुशी के साथ आनंद की प्राप्ति हो रही है ।


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