हथकड़ी-बेड़ियों में श्रद्धांजलि: PDA का विद्रोही वंदन!
झांसी में बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर PDA डेलिगेशन ने ऐसा दृश्य रचा कि देखने वाले सन्न रह गए—हथकड़ियों में बंधे, पैरों में बेड़ियां, और दिल में विरोध का तूफ़ान!
झांसी से बड़ी खबर! अंबेडकर जयंती पर PDA का ज़ंजीरों में लिपटा विद्रोह! बरुआसागर में बाबा साहब की मूर्ति हटाए जाने के विरोध में, डेलिगेशन ने खुद को बनाया संविधान का बंदी! हाथ में हथकड़ी, पैरों में बेड़ियां, और होठों पर संविधान का जयघोष! ये श्रद्धांजलि नहीं—ये बगावत है उस अन्याय के खिलाफ जो मूर्तियों तक को चैन से नहीं रहने दे रहा!
"जब मूर्तियां रोती हैं, तब जंजीरों में उतरते हैं सवाल... PDA के विद्रोही दस्ते ने झांसी की मिट्टी में आज इतिहास दोहराया। हथकड़ियों की खनक, बेड़ियों की आवाज़ और संविधान की पुकार—बाबा साहब की प्रतिमा के सामने एक बंधक ने, आज पूरी व्यवस्था को आईना दिखा दिया।"