प्रेम ने तोड़ी धर्म की दीवार, मुस्लिम युवती ने हिंदू प्रेमी संग रचाई शादी, राजा बाबू को वरमाला पहनाकर सदमा नूरी बनी रानी।
प्यार में न मजहब की दीवारें टिकती हैं, न सामाजिक बंधन। ऐसा ही एक मामला आजमगढ़ में देखने को मिला। जहां मुस्लिम युवती सदमा नूरी ने अपने हिंदू प्रेमी राजा बाबू प्रजापति के साथ सात फेरे लेकर नई जिंदगी की शुरुआत की। वहीं शादी के बाद सदमा नूरी ने अपना नाम बदलकर रानी रख लिया। यह विवाह आज कोर्ट मैरेज के साथ-साथ सनातन पद्धति के अनुसार शहर के पुरानी कोतवाली स्थित शिव मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ। जिसमें विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने साक्षी की भूमिका निभाई और नवदंपति को सुखी दांपत्य जीवन की शुभकामना दी।
बात धर्म को लेकर की जाये तो मुर्शिदाबाद और संभल को लेकर हिंदू और मुस्लिम एक दूसरे के सामने विरोध पर उतारू हैं, लेकिन आजमगढ़ में दोनों धर्म के युवक युवती ने एक दूसरे को अपनाकर एकजुटता की मिशाल पेश की है। इस समय शादियों का मौसम चल रहा लेकिन बिना धूम धड़ाम, बिना जगमगाती रोशनी, बिना बैंड बाजा व DJ की धुन के शादियां नहीं हो रही है, लेकिन आज़मगढ़ में एक शादी जो सादगी के साथ हुई जिसकी चर्चा हो रही है। आज़मगढ़ जिले के मुस्लिम बाहुल्य इलाका मुबारकपुर में आसपास मोहल्ले के दोनों निवासी हिन्दू दूल्हा राजा बाबू प्रजापति और मुस्लिम दुल्हन सदमा नूरी हैं, दोनों का प्रेम फरवरी 2025 में परवान चढ़ा। ढाई से तीन महीने के प्रेम के बाद दोनों ने शादी का फैसला लिया, लेकिन धर्म आड़े आने लगा। राजा बाबू जो विहिप के कार्यकर्ता हैं ने अपने संगठन से मदद मांगी। जहां आज पहले कोर्ट मैरिज हुई और फिर शिव मंदिर में वैदिक रीति-रिवाज से शादी संपन्न हुई। राजा बाबू ने रानी की मांग में सिंदूर भरा, दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और एक-दूसरे को जयमाला पहनाया। शादी में राजा बाबू के परिजन मौजूद रहे, लेकिन रानी के परिवार वाले शामिल नहीं हुए। वहीं सदमा नूरी शादी के बाद रानी प्रजापति बनी बेहद खुश नजर आई, जहां दोनों नवदंपति बेहद खुश रहे। दूल्हे ने कहा कि हम जीवन भर एक दूसरे का साथ निभाएंगे। ये जो पहले प्रेमिका थी अब पत्नी हो गयी है। वहीं गोरक्ष प्रांत के संयोजक ने कहा कि दोनों परिवार में कोई तनाव की स्थिति नहीं है और ना ही आगे होने दिया जायेगा।