परशुराम जयंती की पूर्व संध्या पर हर्रैया में हुई विचार संगोष्ठी
प्राथमिक शिक्षक संघ व ब्राम्हण महासभा के संयुक्त तत्वावधान में परशुराम जयंती की पूर्व संध्या पर हर्रैया स्थिति जगदीश धर्मशाला में एक संगोष्ठी का आयोजन कर भगवान परशुराम द्वारा धर्म के संरक्षण हेतु आतातायियो के दमन पर प्रकाश डालते हुए उनका पूजन वंदन व पुष्पार्चन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गणेश पाण्डेय व चन्द्रमणि पाण्डेय ने दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर किया कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने कहा कि श्री हरि विष्णु के छठे अंशावतार भगवान परशुराम का प्राकट्य ब्राम्हण घराने में हुआ किन्तु वो जाति विशेष के नहीं सबके पूज्यनीय क्योंकि ईश्वर पृथ्वी पर धर्म की रक्षा व आतातायी पापाचारी अनाचारी के दमन हेतु पृथ्वी पर अवतार लेते हैं और ब्राम्हण धर्म ध्वज को लेकर घर घर उसका प्रचार करता है अतः भगवान राम या परशुराम के पदचिन्हों पर चलने का प्रथम दायित्व भी हमारा ही है उन्होंने कहा कि हममें से बहुत लोग ब्राम्हणवंशी है किन्तु ब्राम्हण नहीं कारण ब्राम्हण वो जो ब्रम्ह को जाने सम्पूर्ण सृष्टि का चिंतन करें वेद पाठ करें व उसका ज्ञान जन जन तक पहुंचाये आज धर्म के प्रति घटती आस्था के चलते नैतिकता का पतन हो रहा है ऐसे में हमें धर्म के उत्थान में अपना योगदान देना होगा धर्म विरोधियों को समझना होगा कि नैतिकता के पतन का दंश किसी एक को नहीं सबको भुगतान होगा।
इस मौके पर शिक्षक संघ के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, संतोष शुक्ल,रामबहोर मिश्र, उदयभान दूवे बार एसोसिएशन तहसील हर्रैया के अध्यक्ष उमाकांत तिवारी, ब्राम्हण महासभा के प्रशांत पाण्डेय, कृपाशंकर शुक्ल के साथ साथ ओमप्रकाश तिवारी,दिलीप शुक्ल,विजय मिश्र, नवदीप तिवारी, रामबोध उपाध्याय, गिरजा शंकर द्विवेदी, राजेश द्विवेदी,मानषभूषण त्रिपाठी, दयाशंकर मिश्र, सत्यदेव पाण्डेय, अभयदेव शुक्ल प्रमुख से मौजूद रहे इस मौके पर समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय को स्मिथ के प्रति उनके उल्लेखनीय कार्य हेतु भगवान परशुराम जी की मूर्ति व फरसा देकर सम्मानित किया गया कार्यक्रम का संचालन श्रीनिवास मिश्र ने व अध्यक्षता ब्राम्हण महासभा के विधानसभा अध्यक्ष कृपाशंकर शुक्ल ने किया।