मैजिक पेन का इस्तेमाल कर लोन के नाम पर की ₹5.25 लाख की धोखाधड़ी
पुलिस ने दो साइबर ठगों को भेजा सलाखों के पीछे
यदि आप गाड़ी खरीदने जा रहे हैं और उसके लिए लोन लेने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए कहीं ऐसा न हो कि लोन दिलाने के नाम पर बैंक का एजेंट बनकर साइबर अपराधी आपको लाखों रुपए की चपत लगा दें। उत्तर प्रदेश के हाइटेक शहर नोएडा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां नोएडा में रहने वाले आशीष उपाध्याय को साइबर ठगों ने लोन दिलाने के नाम पर ₹5.25 लाख की ठगी का शिकार बना लिया। फिलहाल साइबर क्राइम थाना पुलिस ने सफलता हासिल करते हुए दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
आपकी टीवी स्क्रीन पर पुलिस की गिरफ्त में दिख रहे 2 शख्स दरअसल शातिर किस्म के साइबर ठग हैं जो लंबे समय से भोले भाले लोगों को बैंकों से लोन दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार बना रहे थे। नोएडा के रहने वाले आशीष उपाध्याय ने बताया है कि वह एक SUV-700 कार खरीदने के लिए विभिन्न डीलरों से संपर्क में था। इस दौरान एक व्यक्ति, जिसने खुद को फाइनेंसर बताकर उससे संपर्क में आया। आरोपी राजीव धींगरा नामक व्यक्ति ने अपने साथी प्रेम प्रकाश सिंह (फर्जी नाम – अंकित) के साथ मिलकर उसे झांसे में लिया। वहीं आशीष ने बताया कि आरोपियों ने लोन की प्रक्रिया के लिए तीन चेक लिए—एक कैंसिल और दो अन्य जिन पर उन्होंने मैजिक पेन से हस्ताक्षर कराए। बाद में इन चेकों से छेड़छाड़ कर ‘अकाउंट पेयी’ को मिटाकर ‘सेल्फ पे’ कर दिया गया और फर्जी हस्ताक्षर व मोहर लगाकर हरियाणा के बल्लभगढ़ स्थित एसबीआई शाखा से ₹5,25,000 नकद निकाल लिए गए।
घटना के विषय में साइबर थाना प्रभारी ने बताया है कि जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और गुप्त सूचनाओं के आधार पर सफलता मिली। 9 अप्रैल 2025 को दोनों आरोपियों — राजीव धींगरा और प्रेम प्रकाश सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि फर्जी सिम कार्ड लेने के लिए गूगल से आधार कार्ड डाउनलोड कर उस पर मॉर्फिंग की गई और बिना बायोमेट्रिक के सिम प्राप्त कर मोबाइल में डालकर वारदात को अंजाम दिया गया। घटना के बाद उन्होंने उपयोग किए गए मोबाइल फोन, मैजिक पेन आदि को नष्ट कर हिंडन नदी में फेंक दिया।