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मेधा ने शिक्षा के बाजारीकरण पर जताया विरोध

 शिक्षा के बाजारीकरण के विरोध में मेधा ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन



  ‘ सारे बच्चे राष्ट्र धरोहर, सबकी शिक्षा एक समान, जिसकी जैसी-जैसी मेधा उसका वैसा हो सम्मान’ का संदेश लेकर बुधवार को मेधा पार्टी के केन्द्रीय प्रवक्ता दीन दयाल तिवारी के संयोजन में जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।

ज्ञापन में कहा गया है कि शिक्षा के कालाबाजारी और बाजारीकरण में सुधार के लिये सरकार पहल करे और निजी शिक्षण संस्थानों में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक गरीब बच्चों को निःशुल्क प्रवेश 25ः सीट  सुनिश्चित कराते हुये निजी स्कूलों में मनमानी और उगाही पर प्रतिबन्ध लगाया जाय।
 ज्ञापन देने के बाद मेधा पार्टी के केन्द्रीय प्रवक्ता दीन दयाल तिवारी ने कहा कि शिक्षा के बाजारीकरण एवं शोषणकारी व्यवस्था में सुधार हो इसके लिये मेधा संस्थापक अध्यक्ष  लक्ष्मीकांत शुक्ल पूर्व आईएएस ने संघर्ष करते हुए उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक विजय हासिल कर गरीबों को मुफ्त शिक्षा पाने का हक दिलाया। दशमोत्तर कक्षाओं में सभी शिक्षण, प्रशिक्षणं संस्थानों में सभी जातियों को अनुसूचित एवं जनजाति की भांति फीस भरपाई एवं वजीफे का हक दिलाया। निजी शिक्षण संस्थानों में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक गरीब बच्चों को निःशुल्क प्रवेश 25ः सीट का हक दिलाया, इसके बावजूद अभी  तक शत प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल रहा है।
कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों के द्वारा प्रत्येक वर्ष मनमानी तरीके से फीस वसूली एवं मनमानी ढंग से किताबों में बदलाव एवं मनमानी तरीके से प्रत्येक वर्ष रजिस्ट्रेशन शुल्क की वसूली एवं कपड़े से लेकर किताब कॉपी के अलावा अन्य वस्तुएं तक निश्चित दुकानों पर ही मिलती है । कहा कि शिक्षा के बाजारीकरण पर अंकुश लगाया जाय।
ज्ञापन सौपने वालों में मुख्य रूप से रूद्र आदर्श पाण्डेय, उमेश कुमार, मुन्ना पाण्डेय, प्रमोद यादव गिरीश चन्द्र गिरी, राहुल तिवारी आदि शामिल रहे। 

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