मृतक माफिया अतीक अहमद के शूटर अब्दुल कवि को सुरक्षा कारणों के चलते फतेहगढ़ जेल किया गया शिफ़्ट
कौशांबी जेल में बंद कुख्यात माफिया अतीक अहमद का शूटर अब्दुल कवि को कौशाम्बी से फतेहगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया है। सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच उसे यहां से रवाना किया गया। सकुशल फतेहगढ़ जेल में आमद होने पर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
सरायअकिल थाना क्षेत्र के भखंदा उपरहार गांव का अब्दुल कवि एक समय में दहशत का पर्याय रहे माफिया अतीक अहमद के मुख्य शूटरों में शामिल था। राजू पाल हत्याकांड में वर्ष 2015 में सीबीआई कोर्ट से उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी। सजा सुनाए जाने के पहले से करीब वह 18 साल तक वह फरार चला। राजू पाल के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद एक बार फिर से अब्दुल की तलाश शुरू की गई। छापामारी में उसके घर से भारी मात्रा में असलहे बरामद हुए थे। असलहों को दीवारों में चुनवाकर रखा गया था। पुलिस का दबाव बढ़ने पर पिछले साल पांच अप्रैल को उसने लखनऊ की सीबीआई कोर्ट मे सरेंडर कर दिया था। उसके खिलाफ प्रयागराज के धूमनगंज व कौशाम्बी के सरायअकिल थाने में आधा दर्जन गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। नौ माह पहले 24 मार्च 2024 को उसे आर्म्स एक्ट के मामले में कौशाम्बी जेल लाया गया था। शासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उसको प्रदेश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल में रखने का निर्णय लिया। कौशाम्बी जेल अधीक्षक अजितेश मिश्रा ने बताया अब्दुल कवि को कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ भेज दिया गया है। शाम को वह वहां पहुंच भी गया।