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शिक्षा का आशय समग्र कौशलों का विकास है - संजय शुक्ल

 चार दिवसीय जीवन कौशल प्रशिक्षण सम्पन्न

वर्तमान में शिक्षा का आशय समग्र कौशलों का विकास है - संजय शुक्ल




 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे चार दिवसीय जीवन कौशल प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को हुआ। डायट प्राचार्य संजय कुमार शुक्ल ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए डायट प्राचार्य ने कहा कि 21वीं सदी में शिक्षा का आशय केवल ज्ञानार्जन नहीं है बल्कि एक समग्र कौशल विकसित करना है जो छात्रों को लगातार बदलती दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाता है। जीवन कौशल छात्र, शिक्षक, परिवार के साथ-साथ समुदाय को भविष्य में नेतृत्व करने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तैयार करते हैं। कौशल यह सुनिश्चित करते है कि शिक्षा एक गतिशील शक्ति है, जो हमें नवाचार और सफलता की ओर प्रेरित करती है। प्रशिक्षण के नोडल डॉ रविनाथ त्रिपाठी तथा डॉ ऋचा शुक्ला ने बताया कि इस प्रशिक्षण में सभी कौशल को गतिविधियों के माध्यम से बताया गया जिससे प्रशिक्षण में रोचकता बनी रही । प्रशिक्षण के सन्दर्भदाता अजीत सिंह, संघमित्रा गुप्ता, सुरभि ओझा, रमेश विश्वकर्मा, रामगोपाल पाठक, अमरेंद्र सिंह, श्रुति त्रिपाठी ने निर्णय लेना, समालोचनात्मक चिन्तन, सृजनात्मक चिन्तन आदि जीवन कौशलों के बारे में विस्तार से बताया। प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न तरीके की प्रस्तुति दी गई। प्रशिक्षण में पूरे जनपद से 200 प्रतिभागी शिक्षक उपस्थित रहे।
 प्रशिक्षण में कुलदीप चौधरी, वर्षा पटेल, शशि दर्शन त्रिपाठी, अमन सेन, माता प्रसाद, विनोद चौधरी, वीरेंद्र कुमार, संदीप यादव, सूरज आदि ने सहयोग किया।

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