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इतिहास का काला दिन था नोटबन्दी-महेंद्र श्रीवास्तव

 नोटबंदी इतिहास का काला दिन- महेन्द्र श्रीवास्तव




 कांग्रेस आर.टी.आई. विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्वान्चल प्रभारी महेन्द्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं ने 8 नवम्बर का दिन काला दिवस के रूप में मनाया। नोटबंदी के 8 वर्ष पूरा होने पर अपनी प्रतिक्रिया में महेन्द्र ने कहा कि 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी का निर्णय लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़े-बड़े दावे किये थे किन्तु 8 वर्ष बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इस फैसले ने देश की प्रगति की रोक दिया। डालर के मुकाबले रूपये के गिरने का सिलसिला जहां जारी है वहीं लघु उद्योग चौपट हो गये और छोटा व्यापारी 8 वर्ष बाद भी उस दिन को कोस रहा है। कांग्रेस नेता ने आई.टी.आई. के निकट आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में नोटबंदी के नाम पर एक पूरे-का-पूरा अध्याय सिर्फ काले रंग से ही लिखा जाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि नोट बंदी के बाद गरीबों के सामने जो चुनौतियां सामने आयी थी, बैंकांे की शाखाओं पर अपना रूपया पाने के लिये लोग घंटों खड़े रहे, अनेक लोगों की जान चली गई, रूपये के अभाव में जहां कई शादियां टूट गई वहीं अनेक लोग अपना इलाज नहीं करा पाये, बच्चों की पढाई पर बुरा असर पड़ा इसके बावजूद भाजपा के लोगों द्वारा नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया जाना इस बात का प्रमाण है कि केन्द्र की मोदी सरकार को उपभोक्ताओं की परेशानियों से कोई  मतलब नही है। कहा कि देश 8 नवम्बर 2016 का काला दिन कभी नहीं भूलेगा जब नोटबंदी का निर्णय लिया गया।
नोटबंदी के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य रूप से सतीश श्रीवास्तव, दीपक, लाला, कपिल, आलोक मिश्र, अकबर हुसेन, गया प्रसाद, विजय बरनवाल, झिनकू चौधरी, राहुल कन्नौजिया, अमन चौधरी, गौरव सिंह, सुरेश, शमसाद, राम पाल प्रजापति आदि शामिल रहे।  

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