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नाराज ठेकेदारों ने शुरू किया धरना प्रदर्शन

 ठेकेदारों ने धरना देकर किया निविदा का बहिष्कार, मुख्य अभियन्ता को सौंपा ज्ञापन

समस्याओं का समाधान न हुआ तो जारी रहेगा आन्दोलन



 शुक्रवार को ठेकेदार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमर सिंह उर्फ जय नरायन सिंह के नेतृत्व में एसोसिएशन पदाधिकारियों ने समस्याओं के  समाधान की मांग को लेकर लोक निर्माण विभाग के बस्ती परिक्षेत्र के अधीक्षण अभियन्ता कार्यालय के समक्ष धरना देकर विरोध प्रदर्शन के साथ ही निविदाओं का बहिष्कार किया। चेतावनी दिया कि यदि समस्याओं का समाधान न हुआ तो वे दमनकारी नीति के   विरोध में प्रान्तीय आवाहन पर सोमवार को लखनऊ में मुख्य अभियन्ता कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जायेगा।
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों से लो.नि.वि. विभाग द्वारा नित्य नये नियम बनाये जा रहे लोनिवि के लिए अत्यन्त घातक सिद्ध होते चले आ रहे हैं।   एसोसिएशन अध्यक्ष अमर सिंह उर्फ जयनरायन सिंह ने कहा कि कोषागार प्रणाली के कारण डिपाजिट के भुगतान न होने से हजारो करोड़ रूपया ठेकेदारों के फंस गये है। एसोसिएशन के महामंत्री गोविन्दनाथ पाण्डेय ने कहा कि  रायल्टी सम्बन्धित कारण से  ठीकेदारों पर 6 गुना अर्थदण्ड लगाया जा रहा है जिससे ठेकेदारों का भारी नुकसान हो रहा है।नयी व्यवस्था में ग्रामीण मार्गो पर पांच वर्षीय अनुरक्षण लागू किया जा रहा है जिसमें लोक निर्माण विभाग के अधिकारी खुद भी असमंजस में है। शासनादेश जारी हो गया लेकिन एसओपी जारी नहीं हो पा रहा है। अधिकारी खुद समझ नहीं पा रहें है कि इस नियम को कैसे लागू किया जाय जबकि प्रमुख अभियन्ता द्वारा खुद  नियम बनाया गया था, स्वीकृति के प्रत्याशा में कोई निविदा आमंत्रित नहीं की जायेगी परन्तु स्वीकृति के प्रत्याशा में विभाग द्वारा निविदा निकालना शुरू हो गया, ऐसे में नियम बनाने वाले अधिकारी ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है। धरने को वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविन्द्रनाथ मिश्र, जैसराम चौधरी, गुड्डू पाण्डेय, अजमत आदि ने सम्बोधित करते हुये कहा कि  समस्याओं के समाधान के लिये अनेक  पत्रों के माध्यम से ठेकेदारों की समस्या शासन-प्रशासन को पहुँचाई गयी लेकिन अभी तक उसका कोई भी निवारण विभाग द्वारा नहीं किया गया और ना ही ठेकेदारों की छः सूत्रीय मांगो पर अनुरक्षण में बदलाव किया गया ।  लोनिवि द्वारा पहले से ही सड़को को प्रधानमंत्री सड़क योजना की तरह नहीं बनाया गया है, न उस तरह से स्टीमेट ही बनाया गया है। बाजार एवम् कस्बों में नाली निर्माण हो, बाढ़ प्रभावित सड़के के सम्बन्ध में नई नीति लोनिवि और सड़क के रख-रखाव के लिए 25 प्रतिशत दिया जाए जैसे प्रधानमंत्री योजना के सड़को पर दिया जा रहा है। उसके बाद ही पांच वर्ष का अनुरक्षण लागू किया जाय।
धरने में मुख्य रूप से वालों में  अशोक सिंह, जयन्त्री सिंह, बबलू पाण्डेय, भुनेश प्रताप सिंह, राघवराम यादव,  अरूण मिश्र, उमेश तिवारी, संतराम चौधरी, चन्द्रेश सिंह,  राम नरेश, परशुराम सिंह, वीरेन्द्र श्रीवास्तव, अजय तिवारी, रोहित मिश्रा, इन्द्रजीत सिंह, रामचन्द्र सिंह, हरिनरायन दूबे, ओम प्रकाश पाण्डेय, करीम अहमद, महादेव यादव, रिकूं पाल, बी.के. श्रीवास्तव, दीना वर्मा, घनश्याम गुप्ता, संजू पाण्डेय,  राकेश पाण्डेय, राजेश सिंह, बब्बल, शत्रुघ्न पाल, रामचन्द्र सिंह के साथ ही अनेक ठेकेदार शामिल रहे।

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