केदारनाथ मंदिर के कपाट को शीतकाल के लिए बंद कर दिया गया है। रविवार 3 नवंबर को भैया दूज पर्व पर सुबह 8.30 मिनट पर 6 महीने के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए गए है। इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ मौजूद रही। कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की डोली यात्रा को आर्मी बैंड के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना किया गया।
पुरानी मान्यता के अनुसार भैया दूज के दिन कपाट बंद किए जाते हैं। इस मौके पर पंचमुखी मूर्ति को चल विग्रह डोली में रखा जाता है। फिर चल विग्रह डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर पहुंचेगी। गौरीकुंड, सोनप्रयाग होते हुए आज रामपुर में डोली पहुंचेगी। 5 नवंबर को ओंकारेश्वर में केदारनाथ विराजमान होंगे।
10 क्विंटल फूलों से सजाया गया बाबा का मंदिर
सुबह साढ़े आठ बजे सभा मंडप के साथ मंदिर के मुख्य कपाट बंद कर दिए गए। हजारों श्रद्धालु इस मौके पर केदारनाथ के दर्शनों के लिए पहुंचे। पूरे मंदिर परिसर को 10 क्विटंल फूलों से सजाया गया है। आज केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को चल विग्रह डोली के ज़रिए उखीमठ के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
गौरीकुंड से सोनप्रयाग होते हुए डोली आज रात को रामपुर में विश्राम करेगी। उसके बाद 5 नवंबर से उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ के दर्शन होंगे। पूरी सर्दी के दौरान केदारनाथ यहीं पर विराजते हैं। इस साल केदारनाथ में 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। पिछले 6 दिनों में ही 1 लाख के करीब श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे हैं। आज कपाट बंद होने के अवसर पर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा गया।