अयोध्या जनपद में स्वास्थ्य विभाग की जर्जर सिस्टम से परेशान मरीजो की नही हो रही सुनवाई।और ये जर्जर सिस्टम व लापरवाह डॉक्टरों की पोल तब खुल गयी जब बीजेपी विधायक रामचंद्र यादव ने सीएचसी सुनवा का औचक निरीक्षण किया तो विधायक ही दंग रह गए।शारदीय नवरात्र का प्रथम दिवस था सीएचसी के बगल ही सिद्धपीठ माँ कामाख्या धाम पर नवरात्रि में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।स्वास्थ्य विभाग को पहले से चेताया गया था कि सीएचसी पर डॉक्टर की टीम मौजूद रहेगी।लेकिन जब बीजेपी के विधायक रामचंद्र यादव अस्पताल पहुंचे तब एक भी डॉक्टर नही मिले।मरीजो ने विधायक से अपनी अपनी व्यथा बताते हुए कहा सरकार 10 बजे से पर्चा बनवा कर डॉक्टर का इंतजार कर रहे है लेकिन कोई डॉक्टर नही।ये स्वास्थ्य विभाग के जर्जर हालात है।सरकारी सिस्टम से व उन हुक्मरानों से सवाल है जो ए. सी कमरे में बैठे बैठे सिर्फ हुक्म देते है।सवाल डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से भी है कि मरीजो का इलाज करते करते सीएचसी सुनवा खुद बीमार हो गयी।आखिर अब इसी सीएचसी का कैसे होगा इलाज।बीजेपी विधायक ने अस्पताल में डॉक्टरों के न मिलने से नाराजगी जताते हुये अस्पताल से ही सीएमओ को फोन मिलाया और साफ साफ कह दिया कि रुदौली विधानसभा डॉक्टरों की मनमानी नही चलेगीं यह सरासर गलत बात है।साथ ही विधायक ने लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही करने को कहा।विधायक ने कहा इस पूरे मामले को लेकर मैं उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी से मिलकर अवगत कराऊँगा।
अयोध्या में स्वास्थ्य विभाग की पोल लगातार परत दर परत खुलती जा रही है।लेकिन जिम्मेदार मौन है।आखिरकार जिन डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है वही डॉक्टर साहब अब इलाज करने से कतराते है।यही नही अयोध्या जिले में स्वास्थ्य विभाग को बड़ी बीमारी लग गयी जिसका सही इलाज डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ही कर सकते है।गरीब किसान के पास उतना पैसे नही होता की निजी हॉस्पिटल में इलाज करा सके।यही सोच के सरकारी अस्पताल आता है कि हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एक रु के पर्चे पर बेहतर बेहतर इलाज के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध कराए निजी अस्पताल क्यो जाए।लेकिन सरकारी अस्पतालों में जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।