आगरा में नाबालिग बेटी से बलात्कार करने वाले पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 2018 में पत्नी और बेटी ने मिलकर मुकदमा दर्ज कराया था.। 6 साल बाद माँ बेटी को आगरा न्यायालय से इंसाफ मिला है। जानकारी के अनुसार 28 जुलाई 2018 को महिला थाने में यह मुकदमा दर्ज किया गया था । 2001 में एक युवती का विवाह थाना सिकंदरा क्षेत्र के निवासी भरत सिंह से हुई थी ।
शादी के बाद पति भरत सिंह पत्नी के साथ मारपीट करने लगा मारपीट और उत्पीड़न से परेशान होकर पत्नी ने पति से तलाक ले लिया, दोनों का तलाक 2013 में आगरा न्यायालय (फैमली कोर्ट) से हुआ था। तलाक के बाद पत्नी मायके चली गई और नाबालिग बेटी पिता भरत सिंह के पास रह गई थी.।
माँ ने आरोप लगाया था कि भरत सिंह बेटी के साथ मारपीट करता है दिन में उसे घर के कमरे में बंधक बना कर रखता है और रात में उसके साथ दुष्कर्म करता है समय पर बेटी को खाना पीना भी नहीं देता है. भरत सिंह की माँ भी अपने बेटे का साथ देती है... बेटी को धमकाया जाता था कि अगर उसने किसी से भी कुछ कहा तो उसे रेल की पटरी पर फेंक कर जान से मार डालेंगे... पीड़ित माँ ने पुलिस को यह भी बताया कि एक दिन बेटी से मुलाक़ात हुई तो उसने यह सब बताया था, माँ ने जब सिकंदरा थाने में शिकायत दर्ज कराई तब पुलिस ने आरोपी पिता भरत सिंह को थाने बुला कर बेटी को माँ के हवाले कर दिया... इसके बाद दोनों माँ बेटी ने मिलकर न्याय का दरवाजा खटखटाया... जाँच के बाद मामला आगरा न्यायालय पंहुचा... लम्बी सुनबाई के बाद कोर्ट ने कहा कि अपनी बेटी के साथ किया गया कृत्य दोषी की दूषित मानसिकता को दर्शाता है... उसके मानवीय संवेदना और रिश्तो की पवित्रता की भावना से वंचित होना भी दर्शाता है, न्यायालय ने दिनांक आरोपी भरत सिंह को उम्रकैद और 50 हजार रूपये का आर्थिक दंड लगाया है।