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आजम की पत्नी को कोर्ट ने किया दोषमुक्त

 बिजली चोरी के मामले में आज़म खान की पत्नी डॉ ताज़ीन फात्मा हुईं बरी

2019 में हमसफर रिजॉर्ट में बिजली  चोरी का मामला हुआ था दर्ज 



 समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान की पत्नी डॉ ताज़ीन फात्मा के लिए अदालत से राहत की खबर है। उनके निजी हमसफर रिजॉर्ट्स पर दर्ज हुए बिजली चोरी के मुकदमे में अदालत ने बरी कर दिया गया है। यह मामला सन 2019 में दर्ज किया गया था जिसमें हमसफर रिजॉर्ट पर बड़े पैमाने पर बिजली चोरी का आरोप था। हालांकि जब ताज़ीन फात्मा जब चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर रही थी तब उन्होंने बिजली विभाग से एनओसी लेने के लिए 26 लाख रुपए से अधिक की राशि जमा भी कर दी थी। फिलहाल अदालती फैसले से उनको दोष मुक्त कर दिया गया है हालांकि उनके द्वारा जमा कराई गई राशि उनको वापस नहीं मिल सकेगी।

कोर्ट से बरी होने के बाद बाहर निकली आजम खान की पत्नी एवं पूर्व सांसद ताज़ीन फात्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया,, मामला यह है कि रिसोर्ट पर बिजली चोरी का मुकदमा था इस सिलसिले में मैं यहां आई थी उसमें आज बरी कर दिया है।

यह पूछे जाने पर की पूरा मामला था क्या? इस पर ताज़ीन फात्मा ने बताया,, बिजली चोरी का यह मामला था किसी दूसरे व्यक्ति ने जैसे और सब मुकदमों में साजिश हुई हैं वैसे इसमें भी साजिश हुई थी और जबरदस्ती एक झूठा इल्जाम लगा दिया गया था कि इसमें तार डालकर बिजली चोरी की गई है और जो आज सच्चाई थी वह आज हुआ।

इस सवाल पर की इसमें आपने कुछ जुर्माना भी जमा किया था? इस पर ताज़ीन फात्मा ने बताया,, हमने जुर्माना उस वक्त जमा किया था जिस वक्त मुझे इलेक्शन लड़ना था तो मुझे एनओसी लेनी थी इसलिए जुर्माना जमा किया था।

रामपुर रामपुर की एमपी एमएलए विशेष अदालत सेशन ट्रायल में यह मुकदमा लड़ रहे उनके वकील नासिर सुल्तान ने बताया,, देखिए मामला था 05/09/2019 का हमसफर रिजॉर्ट में छापा मारना और फिर उस पर यह आरोप लगाना दिखाया गया था की 33870 वाट की चोरी हमसफर रिजॉर्ट में की जा रही है जबकि 5 किलो वाट का वहां कनेक्शन पहले से है वहा कोई प्रोग्राम नहीं चल रहा था लेकिन एक बाड़ आई हुई थी मुकदमों की तो उसी सिलसिले में यह मुकदमा भी हुआ था यह इल्जाम लगाते हुए की 33 किलो वाट की एक्स्ट्रा चोरी की जा रही है जबकि वहां एक 25 किलो वाट का कुल एक ट्रांसफार्मर लगा था उससे यह चोरी दिखाई गई थी। 33 किलो वाट की चोरी दिखाई गई और 5 किलो वाट का कनेक्शन भी था तो कुल मिलाकर 39 किलो वाट का वहां लोड दिखाए गया था और फिर जब 2022 का उप चुनाव आया तो सशर्त पैसा जमा किया गया था क्योंकि एनओसी लेनी थी चुनाव लड़ने के लिए, लगभग 26 लाख जुर्माना जमा किया गया था और 3 लाख 40 हजार समन शुल्क भी जमा किया गया था कुल मिलाकर लगभग 30 लाख रुपए जमा किया गया था वह पैसा जमा था दोहराने विवेचना जमा हो गया था तो चार्ज शीट ही माननीय न्यायालय तक नहीं आना चाहिए थी लेकिन चार्ज शीट आ गई वहां विचरण चल रहा था उसी विचरण ने हमने एक एप्लीकेशन 152 इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की दी थी कंपाउंड करने की, उसको मनाने न्यायालय ने मंजूर करते हुए डॉक्टर ताज़ीन फात्मा साहिबा को बाइज्जत बरी कर दिया है इस मामले में केवल डॉक्टर ताजीन फात्मा ही थी उन्हें आज बरी कर दिया है।

यह पूछे जाने पर की यह जो जुर्माना जमा हुआ था क्या वह वापस होगा? इस पर नासिर सुल्तान ने बताया,, नहीं जुर्माना क्योंकि कंपाउंड हो गया है तो वह वापस नहीं होगा लेकिन यह सजा नहीं मानी जाएगी बल्कि दोष मुक्ति मानी जाएगी।


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