आसमान्य होकर सामान्य जीवन जीना कठिन कार्य है-नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
पूर्व राज्य सूचना आयुक्त नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
ने बुद्ववार को कहा है कि आज के समय मे आसमान्य होकर सामान्य जीवन जीना
बहुत ही कठिन है जो सबके बस की बात नहीं है ऐसा कार्य कोई विरले व्यक्ति
ही कर सकता है।
बुद्ववार को प्रेस क्लब के सभागार मे पूर्वांचल के वरिष्ठ पत्रकार स्व0
अनिल कुमार श्रीवास्तव की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि
सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि स्व0 अनिल कुमार श्रीवास्तव का जीवन एक
पाठशाला है जो की अत्यन्त पवित्र है पत्रकारिता हो या सामाजिक जीवन उनका
कोई भी शत्रु नहीं रहा उनके मन मे जहां बड़ो के प्रति आदर था वहीं छोटों
के भी प्रति अपनापन और लगाव रहा।वो सबको साथ लेकर चलते थे जिसका परिणाम
है कि आज उनके चैथे पुण्य तिथि पर इतने सारे लोग एकत्र होकर उनके बारे मे
अच्छे-अच्छे विचार और उनसी जुड़ी यादें साझा कर रहे है।
उन्होने कहा कि आज के समय काल मे जब लोगो के पास थोड़ी सी भी समृद्वि
या यश की प्राप्ति होती है तो वो अपने आप को सामाज से आगे मानने लगते है
और आम अवाम से कट जाते है लेकिन अनिल कुमार श्रीवास्तव एक ऐसे व्यक्तिव्व
रहे जो कि प्रशासन से लेकर आमजन गांव,गरीब,किसान सबसे जुड़े रहे जो कि
सबके बस की बात नहीं है। हम सभी लोगो को उनके जीवन से एक सबक लेना चाहिए
कि किस प्रकार से हम पत्रकारिता को एक मिशन के रूप मे आज भी चला सकते है।
पत्रकार का कर्तव्य है कि समाज को स्वच्छ और सुन्दर बनाने मे अपना अहम
योगदान प्रदान करें।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भाजपा नेता पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी
ने कहा कि स्व0 अनिल कुमार श्रीवास्तव का स्नेह हमें सदैव मिलता रहा है
उनका जीवन अत्यन्त सरल और सादगी पूर्ण था खबरो के प्रति वो अतयन्त सजग थे
खबर और अफवाह का वो विशलेषण बा खूबी कर लेते थे शायद ही कोई उनका स्थान
ले पाये।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिनेश चन्द्र पाण्डेय
ने कहा कि स्व0 अनिल कुमार श्रीवास्तव जैसा व्यक्ति पत्रकारिता और
सामाजिक क्षेत्र मे मेरे जीवन काल मे अभी तक कोई दूसरा नहीं मिला वो सभी
को सम्मान देना और उनसे सम्मान प्राप्त करना दोनो जानते थे अपनो के दुख
मे चट्टान की तरह खड़े हो जाते थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अनिरूद्व कुमार त्रिपाठी ने कहा कि
स्व0 अनिल कुमार श्रीवास्तव ने अपनी खबरो मे कभी भी पक्षपात नहीं किया जो
जैसा था उसको वैसा दिखाया पुलिस, प्रशासन,नेता,किसान कोई भी हो अनिल
कुमार श्रीवास्तव के इन आर्दशों को बाखूबी जानते थे इसलिए उनका सम्मान भी
करते थे।