नगर पालिका परिषद मंझनपुर अध्यक्ष का रेजिडेंट सर्टिफिकेट हुआ निरस्त:सदर तहसील प्रशासन की जांच प्रक्रिया के बाद निरस्त हुआ निवास,फर्जी निवास लगा कर नगर पालिका अध्यक्ष का पद हासिल करने का लगा था आरोप
भाजपा नेता व नगर पालिका मंझनपुर के अध्यक्ष वीरेंद्र सरोज की मुश्किलें बुधवार को बढ़ गई। प्रशासन ने लंबी जांच प्रक्रिया के बाद अध्यक्ष के रेजीडेंट सर्टिफिकेट को गलत तरीके से जारी होने का हवाला देकर निरस्त कर दिया। निवास के निरस्त होने के बाद अध्यक्ष के निर्वाचन पर संकट के बादल मड़राने लगे है। एसडीएम मंझनपुर आकाश सिंह के मुताबिक निवास उनके पटल से निरस्त नहीं किया जा सकता। इसके लिए गठित कमेटी ही निर्णय करती है।
नगर पालिका मंझनपुर के अध्यक्ष वीरेंद्र सरोज के ओसा स्थित निवास प्रमाण पत्र संख्या 221740020123364 सदर तहसील से जारी हुआ था। यह प्रमाण पत्र संख्या 442222039616 को 13 दिसंबर 2022 की तारीख मे उप जिलाधिकारी के दफ्तर से संबन्धित लेखपाल की जांच आख्या पर जारी किया गया था। जिसको आधार बना कर अध्यक्ष वीरेंद्र सरोज ने स्थानीय निकाय चुनाव मे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। मूल रूप से बहादुरपुर गांव (नगर पालिका क्षेत्र से बाहर का गांव) के निवासी होने का हवाला देकर प्रमुख प्रतिद्वंदी दशरथ सरोज ने निर्वाचन को चुनौती देते हुए जिला अदालत मे निर्वाचन याचिका दाखिल की। याचिका अदालत मे दाखिल होने के बाद राजनैतिक गलियारे मे हड़कंप मच गया।
याचिका मे सुनवाई के दौरान महज एक पखवाड़े के अंदर याचिकाकर्ता दशरथ सरोज ने अदालत मे याचिका को नाटकीय तरीके से वापस ले लिया। इसके पीछे सत्ता व पुलिस के दबाव की बात सामने आई। बताया जा रहा है कि याचिका कर्ता के बेटे पर एक महिला ने गन पॉइंट्स पर लेकर दुष्कर्म का आरोपी लगाया। जिसमे उसने मंझनपुर थाना पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग उठाई थी। हालाकि याचिका के वापस लिए जाने के बाद से महिला की शिकायत पर थाना पुलिस ने न तो कोई केस दर्ज किया और न ही किसी तरह की कार्यवाही को आगे बढ़ाया।
इस दौरान याचिका कर्ता दशरथ ने मंझनपुर तहसील मे नगर पालिका अध्यक्ष के ओसा स्थित निवास को फर्जी बताते हुए निरस्त किए जाने का आवेदन किया था। आवेदन के आधार पर निवास प्रमाण पत्र को निरस्त करने की जांच प्रक्रिया शुरू रही। जांच दर जांच के बाद अध्यक्ष के ओसा स्थित निवास प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया। जिसमे प्रमाण पत्र संख्या 221740020123364 को विभागीय अनुशंसा के आधार पर निरस्त कर दिया गया। यह आदेश ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर सार्वजनिक हो गया।
फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर नगर पालिका क्षेत्र के पवन कुमार नाम के व्यक्ति ने जिला अदालत मे अध्यक्ष के खिलाफ याचिका दाखिल कर रखी है।निवास प्रमाण पत्र के निरस्तीकरण के विभागीय अनुशंसा वायरल होने के बाद विरोधी खेमे ने इसे हाथो हाथ लिया। लोगो के प्रमाण पत्र व निरस्त पत्र को लेकर अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर सवाल खड़े कर दिया।
एसडीएम मंझनपुर आकाश सिंह ने बताया, वह किसी भ व्यक्ति के आवेदन के अनुरूप जरूरी दस्तावेज़ के आधार पर प्राथमिक जांच मे प्रमाण पत्र जारी करते है। निवास उनके पटल से निरस्त नहीं किया जा सकता। गलत तरीके से जारी निवास प्रमाण पत्र का सवाल पूंछे जाने पर उन्होने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। वह इसके लिए गठित कमेटी ही निर्णय करने का हवाला देते रहे।