और जब कैबिनेट मंत्री संजय निषाद मंच से पढ़ने लगे मेनका के बजाय सोनिया गांधी के कसीदे संजय निषाद मंच से पढ़ने लगे मेनका के बजाय सोनिया गांधी के कसीदे।
राहुल गांधी को उत्तराधिकारी बनाने में सोनिया गांधी ने बहुत देर कर दी है। यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद शनिवार को सुल्तानपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी मेनका गांधी की चर्चा के बजाय कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के कसीदे पढ़ने लगे। मंच पर जब स्थिति असहज होने लगी तो बगल मौजूद भाजपा विधायक राजू प्रसाद उपाध्याय ने उन्हें मेनका गांधी की तरफ इशारा किया। यह प्रकरण जनसभा के दौरान चर्चा का विषय बना रहा है।
गठबंधन के समाजवादी पार्टी प्रत्याशी/पूर्व मंत्रीराम भुआल निषाद के निषाद वोटों के ध्रुवीकरण को रोकने के लिए शनिवार को सुल्तानपुर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद पहुंचे। सुल्तानपुर के मोतिगरपुर स्थित पांडे बाबा बाजार के निकट आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने मेनका गांधी को जीत दिलाने का आवाहन किया। मंच पर मौजूद भाजपा विधायक राज प्रसाद उपाध्याय, जिला अध्यक्ष भाजपा डॉ आरए वर्मा, सांसद प्रतिनिधि रंजीत कुमार की मौजूदगी में हाथ उठाकर उन्होंने जनता का अभिवादन किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी के तारीफ करते हुए कहा कि निषाद समुदाय का सम्मान और उत्थान दोनों भाजपा के साथ ही है इसलिए कमल का बटन दबाना है आपके हाथ बढ़ाना है।
सिंहबेरपुर में निषाद राज का किला बन रहा है। भगवान राम के मंदिर के बाद इसका स्थान देखा जा रहा है। निषाद समुदाय के उत्थान के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा काम किया है। आपका आवाज बनाने के लिए बेटियों की विकास के लिए आपके समृद्धि के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। राहुल गांधी को उत्तराधिकारी बनाने में सोनिया गांधी ने बहुत देर कर दी है। राम मंदिर निर्माण से एक फायदा हुआ है कि मुसलमान भी मुख्य धारा में आया है ईट देकर मंदिर निर्माण करवा रहा है। मुस्लिम भाइयों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब तलवार चलाने का नहीं व्यवहार निभाने का समय आ गया है। अखिलेश यादव की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम किसी की ओर टिप्पणी नहीं करते। निषादों ने अपनी समस्या के समाधान के लिए निषाद पार्टी बना रखी है। मोदी हर घर में खाना खाने जाते हैं चाय पीते हैं इससे बड़ा हमारे लिए और क्या होना चाहिए। समाजवादी व बीएसपी पार्टी का जातिगत कार्ड सफल नहीं हो पाएगा। संकल्प पत्र में 70 साल में पहली बार निषादों को स्थान मिला है।