अब्दुल्ला आजम के फर्जी पासपोर्ट का प्रकरण
अब्दुल्ला आजम को फिलहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत , अगली सुनवाई तक मुकदमे की सुनवाई पर रहेगी रोक।
कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
साथ ही अगली सुनवाई तक रामपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए में चल रही इस मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
यह आदेश जस्टिस संजय कुमार सिंह ने अब्दुल्ला आजम की अर्जी पर अधिवक्ता इमरान उल्लाह व राज्य सरकार के अधिवक्ता को सुनकर दिया है।
अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता इमरान उल्लाह का तर्क था कि याची इस मामले में अभियुक्त है लेकिन उसे अपने बचाव में साक्ष्य देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
स्पेशल कोर्ट ने गत 10 जनवरी को याची का सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज किया था ।
गत 15 मार्च को याची की ओर से प्रार्थना पत्र देकर वीडियो क्लिपिंग, अब्दुल मतीन की शादी का कार्ड, जौहर दिवस की वीडियो रिकॉर्डिंग आदि तलब करने की मांग की थी।
स्पेशल कोर्ट ने याची की अर्जी खारिज करते हुए मुकदमे का ट्रायल शुरू कर दिया। इससे बचाव पक्ष को अपने पक्ष में दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर नहीं मिल रहा है।
इन दस्तावेजों को एक अन्य मामले में अदालत में दाखिल किया गया है, जिसमें याची को सजा हो गईं है और उसके खिलाफ़ निगरानी हाईकोर्ट में लंबित है।
मूल रिकार्ड भी हाईकोर्ट आ चुका है इसलिए प्रमाणित प्रति देने के लिए कुछ समय दिए जाने का स्पेशल कोर्ट से अनुरोध किया था, जिसे स्पेशल कोर्ट में मंजूर नहीं किया है।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने इस मामले में सरकार का पक्ष रखने के लिए समय की मांग की
जिसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में मामले की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।