वेतन विसंगति को लेकर हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव ( चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को जारी किया अवमानना नोटिस
बस्ती वेतन विसंगति को दूर करने को लेकर जनपद के स्वास्थ्यकर्मी निरन्तर उच्चाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से की वर्षों से मांग करते रहे यहां तक कि समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा के नेतृत्व में की बार सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर ग्यापन भी प्रेषित किया किन्तु जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया फलता: सविता देवी बिन्दु बाला त्रिपाठी सहित कई स्वास्थ्यकर्मियों ने 2023 मे अपने अधिवक्ता के.एल.तिवारी के माध्यम हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर 2800 के हिसाब से ग्रेड पे की मांग किया जिस पर माननीय न्यायालय ने 4 महीने के अंदर याचियों को 2800 के हिसाब से नियुक्ति की तिथि से 4 महीने के अंदर भुगतान करने का आदेश दिया था..!
माननीय न्यायालय के आदेश से याचियों ने भुगतान हेतु सरकार को अवगत कराया किंतु सरकार के द्वारा माननीय न्यायालय के द्वारा निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी भुगतान नही किया गया,
फलता:याचियों ने पुनः अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपर मुख्य सचिव ( चिकित्सा एवं स्वास्थ्य), महानिदेशक परिवार कल्याण उत्तर प्रदेश लखनऊ,
और मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती के खिलाफ अवमानना याचिका हाईकोर्ट प्रयागराज में दाखिल किया, जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच कर रही थी,
गुरूवार को हुई सुनवाई में याचियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बताया कि माननीय न्यायालय के आदेश के क्रम में निर्धारित समय सीमा के भीतर जानबूझ कर भुगतान न करके आदेश का अवमानना किया गया है.!
जबकि शासकीय अधिवक्ता का कथन था की इस मामले मे सरकार के द्वारा रिव्यू पेटिशन दाखिल किया गया है जो कि विचाराधीन है तथा याचियों का प्रत्यावेदन निस्तारित कर दिया गया है.!
माननीय न्यायालय ने दोनों पक्षों के बहस को सुनकर सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए भुगतान करने की चेतवानी देते हुए अपर मुख्य सचिव ( चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है