चर्चित ज्योति मौर्य की तर्ज पर सुल्तानपुर की शिक्षिका उपमा सिंह ; घर, गाड़ी और नौकरी पाने के बाद पति को घर से बाहर का दिखाया रास्ता।
चर्चित ज्योति मौर्य प्रकरण की पुनरावृत्ति एक बार फिर सुल्तानपुर में देखने को मिल रही है। प्राइवेट गाड़ी का चालक बनाकर पति ने पत्नी को प्रयागराज में शिक्षा दिलाई। बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापक की नौकरी मिलने के बाद पत्नी ने घर और गाड़ी को अपने नाम कर लिया। इसके बाद पति को घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मामला शिक्षा विभाग समेत समाज में चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रकरण सुल्तानपुर जिले के अखंड नगर थाना क्षेत्र के बलुआ गांव से जुड़ा हुआ है। जहां के स्थानीय निवासी उमेश कुमार सिंह बेहद सामान्य इंसान रहे। अपनी पत्नी उपमा सिंह को पढ़ाने के लिए उन्होंने गाड़ी का चालक बनना मुनासिब समझा। सन 2000 में इंटर पास ग्रहणी के रूप में रहने वाली अपनी पत्नी उपमा सिंह को इलाहाबाद भेजा और शिक्षा की शुरुआत की। गाड़ी चला कर अपनी पत्नी उपमा सिंह के शिक्षा का खर्च निकलते रहे और पत्नी को पैसा भेजते रहे। शिक्षा के आधार पर पत्नी उपमा सिंह 2021 में प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर चयनित हुई। इसी सबके बीच पति को घर से बाहर करने का रास्ता भी अख्तियार करने लगी। पति उमेश कुमार सिंह के नाम अर्टिगा गाड़ी जो थी , उसे पत्नी ने अपने नाम पहले ही खरीद रखा था। गाड़ी पत्नी के नाम और किस्त पति जमा करता था। इसी के साथ जिद कर कर जिस घर में वह रहती थी उसे पत्नी ने पति से अपने नाम करा लिया। 2016 में मकान का स्वामित्व मिलने के बाद फिर पत्नी उपमा सिंह ने तेजी से रंग बदलना शुरू कर दिया और मौजूदा समय में पति को घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पत्नी को शिक्षिका बनने और घर की स्थिति ठीक करने के बाद अब पति जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक के जनता दर्शन में दर दर की ठोकरें खा रहा है। कभी किसी अधिकारी तो कभी किसी अधिकारी से न्याय की भीख मांग रहे हैं। पूरा मामला समाज में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पूर्व ज्योति मौर्य का प्रेमी भी सुल्तानपुर से जुड़ाव रखने के चलते यह पूरा प्रकरण सुर्खियों में रहा।
दूरभाष पर उपमा सिंह ने कहा कि मुझे मीडियाबाजी नहीं करनी है। मैं न्यायालय के जरिए न्याय पाने के लिए लगी हुई हूं। मैं अपने कर्तव्य पथ पर हूं और बेटी का पालन पोषण कर रही हूं।