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गीताप्रेस में रामचरित मानस का स्टॉक खत्म,जमकर हुई खरीददारी

 गीता प्रेस में रामचरित्रमानस का स्टॉक खत्म, ऑनलाइन के माध्यम से मात्र चार दिनों में 10 लाख लोगों ने पढ़ा रामचरितमानस



गोरखपुर। अयोध्या में राम मंदिर में विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की घोषणा के बाद से लोगों के मन में गीता प्रेस की धार्मिक पुस्तकों का महत्व भी तेजी से बड़ा है और उसी के साथ इन पुस्तकों की मांग भी। रामचरितमानस पुस्तक का स्टॉक गीता प्रेस प्रशासन में लगभग खत्म हो गया है। गीता प्रेस प्रबंधन ने इन पुस्तकों का आर्डर लेना भी बंद कर दिया है। रामचरितमानस की छपाई नियमित हो रही है लेकिन मांग के अनुरूप अब भी कम है। अक्टूबर से दिसंबर के बीच गीता प्रेस से रामचरितमानस की 3.27 लाख प्रतियां छपी है और सभी बिक चुकी है। इसमें सिर्फ दिसंबर महीने में 1.75 लाख रामचरितमानस की गुटका आकार की प्रतियो की डिमांड बिहार, राजस्थान से लेकर यूपी के विभिन्न जिलों से आई है। लेकिन गीता प्रेस प्रबंधन आपूर्ति को लेकर असमर्थता चुका है। इसके अलावा हनुमान चालीसा, शिव महापुराण, श्रीमद् भागवत गीता सहित कई पुस्तकों की कमी गीता प्रेस में हो गई है। ऐसे में गीता प्रेस प्रबंधन ने पाठ को की डिमांड को ध्यान में रखते हुए geetapress.org पर विभिन्न 10 भाषाओं में रामचरितमानस पुस्तक को अपलोड किया है जिसे पाठक इस साइट पर जाकर इस पुस्तक को निशुल्क पढ़ और डाउनलोड कर सकते हैं। 16 जनवरी से इस सुविधा का प्रारंभ किया गया है और 20 जनवरी तक 10 लाख से अधिक लोग इस साइट पर जाकर रामचरित मानस पुस्तक को पढ़ने का कार्य कर चुके हैं।

इस संबंध में गीता प्रेस प्रबंधक डॉक्टर लालमणि तिवारी ने बताया कि अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि घोषित होने के बाद से गीता प्रेस की पुस्तकों की मांग बढ़ गई है रामचरितमानस के साथ ही अन्य पुस्तक भी लगभग समाप्त हो गई है। ऐसे में पाठकों को किसी भी प्रकार से निराशा का बोध ना हो इसको ध्यान में रखते हुए गीता प्रेस प्रबंधन ने गीता प्रेस डॉट ओआरजी पर निशुल्क विभिन्न 10 भाषाओं में रामचरितमानस पुस्तक को उपलब्ध कराया है जिसे पाठक पढ़ और निशुल्क डाउनलोड भी कर सकते हैं।

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