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शादी में बजा डीजे तो मौलाना ने निकाह पढ़ने से किया इनकार



अमेठी में शादी के दौरान डीजे बजने से नाराज मौलाना ने निकाह पढ़ाने से इंकार कर दिया।मौलाना के इंकार के बाद दुल्हन बिना निकाह के ही दूल्हे के साथ ससुराल पहुँच गई जहां दोनों परिवारों की सूझबूझ से एक रिश्ता टूटने से बच गया और दोनों परिवारों की राजामंदी के बाद ससुराल में मौलाना ने निकाह पढ़वाया।दोनो परिवारों द्वारा जबरन शादी करने से नाराज मौलाना ने समाज के लोगों के साथ जुमे की नमाज के बाद मस्जिद में बैठक कर लड़की के परिवार का समाज से बहिष्कार कर दिया।

दरअसल ये पूरा मामला जगदीशपुर कोतवाली क्षेत्र के हारीमऊ गांव का है जहां पर बृहस्पतिवार को इसी गांव में मो0 शरीफ की पुत्री शबाना का निकाह था।इसी थाना क्षेत्र के सिन्दूरवा पूरे धूमधाम से डीजें और गाजे़ बाजे के साथ बारात लेकर पहुंचे, जिसके बाद वहां पर मौजूद मौलवी ने निकाह पढ़ाने से इनकार कर दिया। घंटों बाद भी जब मौलाना द्वारा निकाह  नहीं पढ़ाया गया तो लड़की बिना निकाह के ही अपने ससुराल पहुँच गई जहाँ दोनो परिवारों की सूझ बूझ और रजामंदी के बाद ससुराल में ही दूसरे मौलाना ने निकाह पढ़वा कर विवाह संपन्न कराया।

वहीं पूरे मामले पर लड़की के पिता मोहम्मद शरीफ का कहना था कि की बारात वाले डीजे और बाजे के साथ आए थे, जिसके बाद जब हम मौलवी के पास गए तो उन्होंने निकाह पढ़ने से इनकार कर दिया। हमने उनसे जब बार-बार कहा तो उन्होंने कहा कि अगर डीजे रहेगा तो हम निकाह नहीं पढ़ाएंगे। फिर बाद में हमने दूसरे मौलवी को बुलाकर निकाह संपन्न कराया। पिता ने आरोप लगाया कि मौलाना ने दोनों परिवारों से 11-11 हजार देने की शर्त पर ही निकाह पढ़ाने की बात कही। पिता ने कहा कि क्या इस्लामी कानून यही बताता है कि पैसा लेकर निकाह कराया जाए। हमारी जो बदनामी हुई है उसका जिम्मेदार कौन होगा। हमारे जो बाराती आए थे वह बिना खाना खाये ही चले गए। हमारा खाना बर्बाद हुआ और हमारी सारी व्यवस्थाएं चौपट हो गई आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा।

 गांव के इमाम मोहम्मद हफीज अब्दुल बासिद ने कहा कि हमारे गांव में बारात आई थी। मैं इस गांव का इमाम हूं पहले ही जब इसके लिए आदेश जारी हो गया था की शादी विवाह में डीजे बैंड बाजे पूरी तरीके से प्रतिबंध रहेंगे उसके बाद भी लड़की पक्ष और लड़का पक्ष के लोगों ने इस नियम का उल्लंघन किया, जिसके बाद हमने निकाह नहीं पढ़ाया। यह कानून सबके लिए जारी किया गया है और सभी को इसका पालन करना होगा।

19 नवम्बर को तिलोई विधानसभा के बारकोट गांव में एक मदरसे पर हुई बैठक में मौलानाओ ने शादी व्याह में पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का फरमान सुनाया था और कहा था कि अगर किसी भी शादी में डीजे या बैंड बाजा बजेंगे तो वहां निकाह नही पढ़ाया जाएगा।मौलानाओं की इस फरमान का वीडियो और पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

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