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आज का दिन मथुरा के लिये है बेहद खास,जानिये क्या है वजह

 सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए नंगे पैर जाएंगे दिनेश शर्मा



श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा आज होने वाली सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में सुनवाई के लिए नंगे पैर ही जाएंगे। श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर से ईदगाह मस्जिद को हटाने वाले केस की सुनवाई 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में होगी जिसमें मुस्लिम पक्ष ने मांग की थी कि सभी वादों की सुनवाई मथुरा में ही होनी चाहिए, हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक याचिका लगाई थी और जिसमें मांग की थी कि मथुरा में चल रहे सभी वादों की सुनवाई इलाहाबाद न्यायालय  करें, हिंदू पक्ष ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में कहा था कि राष्ट्र हित के मुद्दों की सुनवाई उच्च न्यायालय इलाहाबाद सीधे कर सकता है, दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश जारी किया था कि मथुरा में चल रहे श्री कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित सभी मुकदमों की सुनवाई और इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया और मुस्लिम पक्ष ने मांग की थी कि हमारे पास किराए की व्यवस्था नहीं है हमारी सुनवाई मथुरा में ही होनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद रजिट्रार को सभी मुकदमों की फाइल समेत दिल्ली तलब किया है, अब कल 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में बहस होगी और न्यायालय अपना आदेश जारी करेगी की सुनवाई मथुरा में होगी या इलाहाबाद में। मथुरा सिविल कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे दिनेश शर्मा ने कहा कि अब वह भी सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट कमलेश मौर्य जी के द्वारा 30 अक्टूबर को बहस के दौरान उपस्थित रहेंगे । हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि वह जहां भी जाते हैं नंगे पैर जाते हैं और सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में भी सुनवाई के दौरान नंगे पैर ही जाएंगे, आपको बता दें कि दिनेश शर्मा ने एक संकल्प लिया था कि जब तक औरंगजेब की निशानी ईदगाह मस्जिद मथुरा से नहीं हट जाएगी तब तक वह जहां भी जाएंगे नंगे पैर ही जाएंगे और नंगे पैर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह न्यायालय में एएसआई सर्वे की मांग करेंगे और न्यायालय से प्रार्थना करेंगे कि इस पर जल्द से जल्द बहस करके ईदगाह मस्जिद की सर्वे कराई जाए क्योंकि प्राचीन साक्ष्य मथुरा वाली मस्जिद के नीचे दबे हुए हैं जब सर्व होगी तो दूध का दूध पानी का पानी अलग हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष को एतराज नहीं होना चाहिए यदि ईदगाह मस्जिद की सर्वे हो जाए तो , क्योंकि नई टेक्नोलॉजी के अनुसार अब ऐसी मशीन आ गई हैं जो ईदगाह मस्जिद को बिना नुकसान पहुंचा भी सर्वे कर सकती हैं, सर्वे के दौरान पुरातत्व विभाग के अधिकारी ईदगाह में जांच करके बता देंगे कि यहां हिंदू मंदिर के साक्ष्य है या नहीं, और उनकी रिपोर्ट बनाकर न्यायालय में जमा कर सकेंगे जिससे न्यायालय को फैसला देने में आसानी होगी। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह सुनवाई मथुरा में ही चाहते हैं क्योंकि उनके पास दिल्ली और इलाहाबाद के लिए किराए के पैसे नहीं है। अब 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में बहस होगी और माननीय उच्चतम न्यायालय अपना फैसला सुनाएगी। दिनेश शर्मा ने कहा कि उनके दो मुकदमे हैं एक मुकदमा न .174 तो कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए है और दूसरा मुकदमा न. 603 , श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से मीना मस्जिद को हटाने के लिए है।


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