बस्ती की राह चला अमेठी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय अमेठी में इंजीनियरिंग का नायाब नमूना सामने जहां ग्राम पंचायत में बनाये गए सार्वजनिक शौचालय में इंजीनियरो ने एक साथ टॉयलेट की चार सीटें बैठा दी।इन सीटों में कोई पार्टीशन भी नही दिया गया और न ही दरवाजे लगवाए गए।इतना ही नही ग्रामीणों के लिए बनवाये गए इस शौचालय में हमेशा ताला बंद रहता और शौचालय की चारों सीटें गंदगी से भरी रहती है।
-दरअसल ये पूरा मामला जगदीशपुर ब्लाक के कटेहटी गांव का जहाँ गांव में लाखों रुपए की लागत से सार्वजनिक शौचालय बनवाया गया।सार्वजनिक शौचालय निर्माण के दौरान शौचालय की चार सीटें बैठाई गई।इन सीटों को बैठाने में इंजीनियरिंग का नायाब तरीका भी देखने को मिला जहाँ किसी भी टॉयलेट सीट के बीच न तो पार्टीशन बनवाया गया और न हो दरवाजे लगवाए गये सिंर्फ सीटें बैठाकर सार्वजनिक शौचालय को पूरा कर दिया गया।किसी ग्रामीण द्वारा इस नायाब सार्वजनिक शौचालय को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर अमेठी सांसद स्मृति ईरानी पर निशाना साधा और कहा कि अमेठी में बने इस सार्वजनिक शौचालय को दुनिया का आंठवा नमूना घोषित कर दिया जाए।कांग्रेस ने कहा कि इस सार्वजनिक शौचालय में पांच सीटें लगाई गई है जो किसी चारपाई की तरह लग रही है।पैसा तो दीवारों का भी आया होगा उसे कौन कहा गया ठेकेदार,अधिकारी या मंन्त्री या फिर सब मिलजुल कर।शौचालय की महिला केयर टेकर ने कहा कि करीब पांच 6 साल पहले ये शौचालय बनकर तैयार हुआ लेकिन न तो इसमें बिजली है और न ही पानी है।शौचालय तक पहुँचने के लिए रास्ते भी नही है।
वही गांव के रहने वाले एक ग्रामीण ने कहा कि बच्चो के लिए शौचालय तो बनवा दिया गया लेकिन उसमें न तो कोई पर्दा है और न ही कोई दीवाल है।बच्चे उसमें बैठते है और बाते करते है।बच्चियां घर आकर शिकायत करती है उसमें पर्दा नही है इसलिए वो स्कूल नही जाएंगी।
ग्रामीण ने कहा कि ये शौचालय जहाँ बना है यहाँ तक आने का कोई रास्ता नही है और न ही बिजली है।सौच करने के लिए अपना पानी लेकर आना पड़ता है।