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डीएम की पहल ने बदली जिंदगी,42 साल बाद मिला अधिकार

 37 राजस्व गांव के अग्नि कांड में जले भूमि के कागज, डीएम ने दिया उन्हें उनका अधिकार


 कन्नौज डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ला की इन दिनों हर तरफ वाह वाह हो रही है। डीएम ने जिले में ऐसा काम कर दिखाया है जो पिछले 42 सालों में किसी ने नही किया। उन्होने फर्रुखाबाद के फूस बंगला अग्निकांड में जले गांव के नक्शे बनवा सरकारी खातों में चढ़वा दिये हैं। खेतों व जमीन के कागज न होने पर पिछले 42 सालों से जले हुये गांवों को किसी सरकारी योजना का लाभ नही मिल पा रहा था। डीएम ने एक गांव के अभिलेख बनवाकर ग्रामीणों को सौंपे। 


वीओ - कन्नौज जब फर्रुखाबाद जिले में शामिल था, तब 1980 में फर्रुखाबाद में फूस बंगला अग्निकांड हुआ था। इस अग्निकांड में छिबरामऊ तहसील 37 राजस्व गांव के अभिलेख जलकर नष्ट हो गये थे। तब से इन गांवों के जला हुआ घोषित कर दिया गया था। कोई कागज न होने का खामियाजा भी ग्रामीण 42 साल से भुगत रहे हैं। जमीनों के कागज न होने के कारण इन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नही मिल सका। कन्नौज की कुर्सी संभालने के बाद डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ला ने सबसे पहले चुनौती पूर्ण कामों को पूरा करने का बीड़ा उठाया। डीएम की कोशिशों के चलते अब जले हुए गांवों के अभिलेख बनने लगे हैं। आज एक गांव के अभिलेख पूरे होने पर उन्हें ग्रामीणों के सौंपा गया। ऊनी जमीन के कागज पाकर ग्रामीणों के चेहरे खुशी से चमक उठे।  


*बाइट - भूमि पर अधिकार पाने वाले ग्रामीण*


वीओ - छिबरामऊ तहसील के 37 जले हुए गांवों में से 9 गांव जिसमें अकबरपुर, उस्मानपुर, सरदामई, गढ़िया पाह, बरुआ सबलपुर, हाथिन, करनौली, नंदलालपुर, हरिबल्लभपुर के अभिलेख बनाने का काम शुरू किया गया था। एक गांव नन्दलालपुर के अभिलेख पूरे होने पर उन्हें ग्रामीणों को सौंपा गया। डीएम ने इस चैलेंजिंग काम को कैसे किया आप खुद सुनिये।

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