जेल में बही आध्यात्म की गंगा, प्रसिद्ध कथावाचक से कैदियों ने सुने शिव पुराण के प्रसंग
शाहजहांपुर जेल में बंदियों में सद्भाव व आध्यात्मिक ज्ञान दर्शन के उद्देश्य से देश प्रसिद्ध श्रीमद्भागवत कथावाचक परमपूज्य गौरदास जी महाराज, गौर कृपा धाम, वृन्दावन के द्वारा अपनी सम्पूर्ण वाद्य संगीत यंत्र व कलाकारों के साथ कारागार में सत्संग किया गया।
पूज्य गौरदास महाराज द्वारा भगवान शिव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा द्वीप प्रज्वलित किया। जेल अधीक्षक मिजाजीलाल के द्वारा पूज्य महाराज जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कथावाचक द्वारा अनेक पौराणिक प्रसंग सुनाए तथा अपने कार्य व आचरण में सुधार लाने का अनुरोध किया। उनके द्वारा बंदियों को बताया कि आप जेल में हैं यह आप की मजबूरी है किन्तु अच्छे आचरण व कार्य करने की कोई रोक नहीं हैं।आप अच्छे काम करके अपना भविष्य उज्जवल कर सकते हैं।
महाराज जी के द्वारा अनेक भजन कीर्तन के द्वारा यह समझाया कि किस प्रकार एक व्यक्ति अच्छे कार्य व आचरण द्वारा अपना भविष्य उज्जवल कर सकता है।
बुरे काम हमेशा इंसान को पतन की ओर ले जाते हैं।
श्रीमद्भागवत के गजेंद्र प्रसंग के द्वारा यह समझाया कि किस प्रकार अभिमानी व्यक्ति का पतन होता है।और भगवत्भक्ति किस तरह उसे काल के गाल से बाहर ले आती है।इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह के द्वारा विचार व्यक्त किए गए तथा कहा कि ऐसे विचार शुद्धिकरण व आध्यात्मिक ज्ञान दर्शन के कार्यक्रमों से निश्चित रूप से बंदियों की मनोदशा में सुधार आयेगा। अन्त में जेल अधीक्षक मिजाजीलाल ने परमपूज्य गौरदास जी महाराज का कारागार में पधार कर सत्संग के द्वारा बंदियों के आचरण में सुधार के लिए समय देने के लिए आभार व्यक्त किया।