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संसद भवन के उद्घाटन पर शुरू हुआ विवाद

 राष्ट्रपति के हाथों कराया जाय नये संसद भवन का उद्घाटन-महेन्द्र श्रीवास्तव



बस्ती । उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी आर.टी.आई. प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा है कि देश के नये संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों से कराया जाय। प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कांग्रेस नेता महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित न करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल उनका बल्कि देश के आदिवासी समुदाय का भी अपमान किया है।
 कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘‘आदिवासी समुदाय से संबंधित राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित न करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका अपमान किया है। उन्होंने न तो नए संसद भवन का शिलान्यास किया और न ही उन्हें 28 मई को इसके उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया। यह राष्ट्रपति का अपमान है और देश के आदिवासी समुदाय और उन नागरिकों का भी जो भारतीय संविधान में आस्था रखते हैं।’’ महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘का अहंकार और आत्म गौरव अब अपने चरम पर पहुंच गया है। यहां तक कि उन्होंने नवीनीकरण के बाद अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम भी बदल दिया।कहा कि वर्तमान संसद परिसर एक विरासत भवन है जिसमें सभी आवश्यक व्यवस्था हैं। अगर उस परिसर में कोई कमी थी तो उसका जीर्णोद्धार किया जा सकता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर दिए।  कहा कि अनुच्छेद 75 के अनुसार संसद का प्रमुख राष्ट्रपति होता है तथा संसद उन्हीं के अधीन चलती है।
कांग्रेस नेता महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपति के द्वारा नये संसद भवन उद्घाटन न कराकर केन्द्र की मोदी सरकार संवैधानिक व्यवस्थाओं को नकार रही है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिये यह संकेत ठीक नहीं है। कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं पुर्नविचार करें, संसद केवल भवन मात्र नहीं हैं वरन इस इमारत में लोकतंत्र के आदर्शो, मूल्यों की स्थापना होनी चाहिये।

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