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प्रेम की ऐसी दास्तान जिसे सभी ने सराहा,और 2 साल बाद खोदी गयी कब्र

 सच्चे प्रेम में विधवा के आगे झुका प्रशासन, दो साल पुरानी कब्र को खुदवाकर निकाले गए अवशेष, अब केरल के कब्रिस्तान में दफ़न होंगे शिक्षक के शव के अवशेष 


आपने सच्चे प्रेम की शायद यह पहली कहानी होगी जिसमें एक महिला ने कब्रिस्तान में दफन शव को खुदवाकर उसके अवशेषों को प्राप्त किया। महिला इन अवशेषों को अपने मूल निवास केरल ले जायेगी जहाँ फिर उन्हें कब्रिस्तान में दफन किया जाएगा। अपने किस्म का यह पहला मामला था जिसमें जिलाधिकारी को ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी के आलावा सीनियर चर्च पादरी से भी राय लेनी पड़ी। आखिर में महिला की मांग पूरी हुई और उप जिलाधिकारी की उपस्थिति में शव खुदवाकर उसके अवशेष उसे सौंप दिए गए। इस पूरी प्रक्रिया में पांच महीने से अधिक का समय लग गया।

 मामला फर्रुखाबाद के सेंट एंथोनी स्कूल में पढ़ा  रहे ईसाई पाल दम्पति का है। जौली पाल के पति ईजे पाल की 24 अप्रैल 2021 को कोरोना से मौत हो गई थी। इसके बाद उनका शव शीशम बाग़ क्रिश्चियन कब्रिस्तान में दफना दिया गया।जोली पाल मूलतः केरल के कोट्टम जिले की रहने वाली है. जोली पाल ने जिलाधिकारी से इजाजत मांगी कि उनके पति के शव के अवशेषों को केरल ले जाने की अनुमति दी जाए। जिलाधिकारी ने ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी से राय मांगी तो उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आमतौर पर मृत्यु के कारणों में विवाद की स्थिति होने पर मजिस्ट्रेट शव को कब्र से निकलवाने की अनुमति देते हैं।चूँकि जौली पाल का मामला किसी आपराधिक प्रकरण से सम्बंधित नहीं है इसलिए ईसाई धर्म गुरु से राय लेकर इसकी इजाजत दी जा सकती है। मामला फादर सीजू जार्ज के पास पहुंचा तो उन्होंने स्वर्गीय पाल की इच्छा और उनके परिवार की संवेदनाओं को देखते हुए जॉली पाल की मांग को सहमति प्रदान कर दी।इसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर एसडीएम सदर और चिकित्साधिकारी की उपस्थिति में कब्र से शव को खुदवाकर उसके अवशेष सील बंद पालीथीन में जौली पाल को सौंप दिया।

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