श्री राम जन्मोत्सव पर इस बार होगा अयोध्या में महोत्सव
22 से 30 मार्च तक खेल, संस्कृति और आस्था का होगा उत्सव
अयोध्या और रामलला से जुड़ाव को मजबूत करने की परिकल्पना को दिया जा रहा है आकार
इस बार रामनवमी पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट श्री राम जन्म महोत्सव मनाने जा रहा है । यह महोत्सव 21 मार्च से 30 मार्च तक राम की पैड़ी समेत अलग-अलग स्थानों पर मनाया जाएगा। जिसमे ओलंपिक में शामिल खेलों के साथ-सथ भजन और योग समेत कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन शामिल है । रामलला का अस्थाई मंदिर में यह आखिरी जन्म उत्सव है क्योंकि 2024 का जन्म उत्सव रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में मनाएंगे । इसीलिए राम मंदिर ट्रस्ट इस बार की रामनवमी को उत्सव की तरह मनाने जा रही है और इसके पीछे की सोच यह है कि रामलला से लोगों को नजदीकी से जुड़ाव हो और उनके जन्म का दिन अयोध्या के लिए उत्सव का दिन हो ।
राम जन्मोत्सव के दिन अयोध्या में यूं तो अलग-अलग मंदिरों में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम होते रहे हैं लेकिन इस बार राम मंदिर ट्रस्ट इसे उत्सव का रूप दे रहा है । रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के पहले इसकी शुरुआत हो रही है तो विराजमान होने के बाद 2024 से नित वर्ष यह महोत्सव इस तरह आयोजित होगा जो अयोध्या की पहचान से जुड़ जाएगा और जुड़ जाएगा श्री राम जन्मोत्सव से । इसीलिए इस बार राम जन्मोत्सव पर ओलंपिक में शामिल खेलों के अलावा वह सब कुछ होगा जो सांस्कृतिक तौर पर या फिर धार्मिक तौर पर लोगों को अयोध्या से और उनके आराध्य रामलला से जोड़ सकें । श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में नए ढंग से यह 9 दिनों का आनंद उत्सव मनाने का विचार किया है। नए ढंग से इसलिए की पिछले दो नवरात्र तो कोरोना में निकल गए, उसके पहले यहां ऐसा कुछ होता नहीं था । एक रामकोट की परिक्रमा होती थी, वह भी 25 साल से चल रही है। उसके पहले वह भी नहीं करते थे।स्थानीय समाज करता ही रहता है लेकिन संगठन के रूप में नहीं करते है, तो यह पहला प्रयोग कर रहे हैं। जिसमें खेलकूद, ऐसे खेलकूद भी जो ओलंपिक का हिस्सा है और इसी क्षेत्र क्षेत्र में अवध क्षेत्र में नए उभरते कथा व्यास, कवि, दौड़, मैराथन, तैराकी ऐसे विभिन्न प्रकार के आयोजनों का विचार हुआ है और यह कार्यक्रम करेंगे।
गिरीशपति त्रिपाठी (व्यवस्थापक श्री राम जन्मोत्सव समिति )— आयोजन का उद्देश्य यह है कि समाज का सभी वर्ग एक छोटे बच्चे से लेकर एक अधेड़ अवस्था, वृद्ध अवस्था तक के व्यक्ति को अयोध्या आने पे राम जन्मोत्सव का आनंद लेने का एक अवसर मिले। इस दृष्टिकोण से एक बहुआयामी संरचना बनाई गई है। जिसमें योग से लेकर खेल के विभिन्न विद्याओं को लेकर, श्री रामचरितमानस के परायण से लेकर रामनाम संकीर्तन से लेकर, विभिन्न विद्वानों दिग्गजों के प्रवचन से लेकर और अंततोगत्वा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत रूपरेखा है आशा यह अपेक्षा यह है कि जो भी लोग अयोध्या में आएं श्री राम जन्म उत्सव के आनंद से सराबोर हो के जाए । इस दृष्टिकोड से आयोजन किया जा रहा है।
2023 का श्री राम जन्मोत्सव कुछ इस तरह होगा कि इसमें सरयू में नौकायन प्रतियोगिता दिखेगी तो तलवारबाजी का हुनर भी दिखाई देगा। अलग-अलग खेल प्रतियोगिताओं के बीच इसमें खास तौर पर अयोध्या के 84 कोस की परिधि के लोगों को ही खास तौर पर इसमें शामिल होने का मौका मिलेगा जबकि 2024 में जब इस खेल महोत्सव का विस्तार होगा तब से इसमें प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों के क्षेत्र का भी विस्तार हो चुका होगा ।
चंपत राय (महासचिव श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ) —साइकिल दौड़, 21 किलोमीटर की मैराथन दौड़, खो-खो, कबड्डी, वालीबाल, मलखम्ब, मैंने भी नया सुना है नाम आत्यपत्या मुझे मालूम नही क्या है यह सब ओलंपिक के अंग है , दंगल नौकायन, नौकायन के प्रति बड़ी रूचि लगी या नया प्रयोग किया गया है अगर यह सफल होता है तो एक अच्छा प्रयोग होगा। समुद्र में नौकायन के खेलकूद होते हैं, समुद्र की लहरों में। यहां शरीर में देखते हैं क्या होगा भागीदारी किसकी मैंने पहले बोला है सारा देश नहीं बुलाएंगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश कोई लाचारी हुई तो आएगा वरना बिल्कुल नहीं अवध क्षेत्र उसमें भी आग्रह है 84 कोसी परिक्रमा के अंतर्गत रहने वाली लोग यानी अयोध्या के चारों ओर ढाई सौ 300 किलोमीटर दूर इनकी भागीदारी को ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया है।
श्री राम जन्म उत्सव के जरिए अयोध्या और श्री राम के प्रति लोगों के जुड़ाव को मजबूत करना है और रामलला की जन्म उत्सव को अयोध्या के सबसे बड़े उत्सव के रूप में प्रतिष्ठित करना है। इसीलिए इसकी शुरुआत तो पहला पड़ाव है लेकिन चरणबद्ध तरीके से इसमें नित विस्तार होगा और अयोध्या की छवि पूरी दुनिया के लोगों को अपनी तरफ खींचेगी कुछ इसी की परिकल्पना और संरचना को आकार दिया जा रहा है ।
राम मंदिर बन गया बनने जा रहा है भगवान करे बिरा में विराजमान होने वाले हैं यह एक चरण है दूसरा चरण पूरे विश्व की संस्कृति को राममय करना है कहीं न कहीं राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उसी लिए प्रयास कर रहा है अयोध्या जो राम जी को जान गया वाह रामजी का हो जाएगा तीर्थ क्षेत्र ही प्रयास कर रहा है कि अयोध्या जो अयोध्या का हो जाए जो ना आये वह भी जुड़ जाए ।
