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नजूल पर बन रहा था मॉल, पहुंच गया बाबा का बुलडोजर





 यूपी के सीतापुर में  नजूल भूमि पर बन रहे एक अवैध मॉल को  को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया। यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर शिकायतें वायरल होने के बाद डीएम के निर्देश पर की गई।तहसील प्रशासन द्वारा खाली कराई गई नजूल की जमीन की कीमत करीब पांच करोड़ की बताई जा रही है।भू माफियाओं द्वारा लगातार कराए जा रहे इस निर्माण को लेकर नगर पालिका परिषद सीतापुर सहित विनिमति क्षेत्र के अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में नजर आ रही है।वही विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि नगर पालिका परिषद सीतापुर के अधिकारियों के द्वारा अवैध निर्माण को गिरने के लिए जेसीबी भेजने से मना कर दिया गया।इसके बाद तहसील के अधिकारियों ने खैराबाद पालिका से जेसीबी मंगवा कर अवैध निर्माण को गिराया गया।यह पूरा मामला शहर कोतवाली इलाके के 

गुरुद्वारा रोड का है।बताते चले कि तामसेनगंज इलाके में नजूल भूमि पर भूमाफिया द्वारा पिछले दो महीने से अवैध रूप से तेजी से निर्माण कार्य कराया जा रहा था। इस अवैध निर्माण को लेकर सबसे बड़ी बात यह रही कि दिन दहाड़े हो रहे अवैध निर्माण को लेकर की  प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि नजूल भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण प्रतिबंधित है, बावजूद इसके नियमों की धज्जियां उड़ाकर यह मॉल खड़ा कर दिया गया।मंगलवार को जब इस अवैध निर्माण को लेकर सोशल मीडिया पर हलचल बढ़ी तो डीएम अभिषेक आनंद ने तुरंत संज्ञान लेते हुए एसडीएम को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद तहसीलदार अतुल सेन सिंह और नायब तहसीलदार महेन्द्र कुमार ने पुलिस बल की मौजूदगी में मौके पर पहुंचकर जेसीबी से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।

करीब दो घंटे तक चली इस कार्रवाई में लेखपाल व अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। सिटी मजिस्ट्रेट केएन तिवारी ने साफ तौर पर कहा कि नजूल भूमि पर किसी भी प्रकार के निर्माण को अवैध माना जाएगा और उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।अगर नगर मजिस्ट्रेट की बात को ही ले ले तो

अवैध निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी नगर क्षेत्र की विनयमती इकाई की होती है, फिर भी शहर में दिन-रात निर्माण होता रहा और अधिकारियों को भनक नहीं लगी। हाल ही में दो अन्य अवैध निर्माण भी गिराए गए थे।यही पर अगर सूत्रों की मानें तो एक सक्रिय सिंडीकेट नजूल भूमि पर अवैध निर्माण को अंजाम देता है और संबंधित अधिकारियों को मैनेज करता है। विनयमती इकाई की निष्क्रियता के चलते अब तहसील प्रशासन ही लगातार कार्रवाई कर रहा है।

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