अयोध्या में टूटी 300 साल पुरानी परंपरा, गद्दी नशीन प्रेमदास जी महाराज शाही जुलूस के साथ पहुँचे रामलला दरबार
अयोध्या शहर आज एक ऐतिहासिक परंपरा का अंत और नई शुरुआत का साक्षी बना । सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन प्रेमदास जी महाराज ने 300 वर्षों से चली आ रही उस परंपरा को तोड़ा, जिसमें गद्दी नशीन जीवनभर 52 बीघा अखाड़े की सीमा से बाहर नहीं जाते थे। आज उन्होंने शाही जुलूस के साथ सरयू स्नान किया और श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन के लिए प्रस्थान किया।
शाही जुलूस में जनसैलाब उमड़ पड़ा। अयोध्या की सड़कों पर जगह-जगह पुष्पवर्षा हुई और श्रद्धालुओं ने “जय श्री राम” के जयघोष से वातावरण गुंजायमान कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पुष्पवर्षा कर आशीर्वाद प्राप्त किया। रामलला के दर्शन के बाद गद्दी नशीन महाराज मंदिर परिसर में राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तथा परिक्रमा कर आम श्रद्धालुओं के लिए भी परिक्रमा की शुरुआत करेंगे।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम और एसएसपी राजकरण नैयर ने खुद जुलूस का स्वागत किया और सुरक्षा की निगरानी की। यह दिन अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।