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नये कानून पर नाराज अधिवक्ताओं ने अखिलेश को सौंपा ज्ञापन



    समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव से आज अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जिसमें अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के प्रति विरोध जताते हुए अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान हेतु उनके समर्थन की अपेक्षा की गई है।

अधिवक्ता समुदाय ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के पक्ष में समर्थन जुटाते हुए केन्द्र सरकार के एडवोकेट एक्ट 1961 में संशोधन कर नया कानून लाने की तैयारी का घोर विरोध किया है और इसे भारतीय संविधान पर हमला बताया है।

    ज्ञापन में अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि एडवोकेट संशोधन बिल 2025 के ड्राफ्ट में (प्रस्तावित संशोधन धारा-4) के अनुसार बार काउंसिल में तीन सदस्य केन्द्र सरकार द्वारा नामित होने से काउंसिल में सीधे सीधे सरकार का दखल हो जाएगा। प्रस्तावित संशोधन धारा 35ए के अनुसार अधिवक्ता हड़ताल नहीं कर सकेंगे। नहीं किसी न्यायालय का वह बहिस्कार करेगा। ऐसा करने पर उसे एडवोकेट रोललिस्ट से हटा दिया जाएगा। (प्रस्तावित संशोधन धारा 26ए) इस संशोधन बिल में अधिवक्ता के व्यवहार की जांच सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व जज द्वारा किए जाने का प्रस्ताव है। तीन साल या अधिक की सजा होने पर अधिवक्ता को रोल लिस्ट से हटा दिया जाएगा और विदेशी लॉ फर्म को भी देश में वकालत की अनुमति दी जा सकेगी।

    ज्ञापन में कहा गया है कि प्रस्तावित नए कानून में ऐसे प्राविधान हैं जो अधिवक्ताओं के हित को सीधे-सीधे प्रभावित कर रहे है। इसलिए इस प्रस्तावित कानून का विरोध उचित और न्याय के हित में है।

    इस अवसर पर अपने सम्बोधन में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी अधिवक्ताओं के साथ है। भाजपा सरकार का तानाशाही रवैया लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा है। भाजपा एक-एक कर लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर हमला कर रही है। अधिवक्ताओं के संवैधानिक अधिकार अनुच्छेद-19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अनुच्छेद-21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करता है। इससे शांतिपूर्ण तरीके से सरकार की गलत नीतियों के विरोध का अधिकार भी समाप्त हो जाएगा किसानों, नौजवानों, महिलाओं की तरह अधिवक्ताओं के साथ भी धोखा हो रहा है।

  अखिलेश यादव को ज्ञापन सौपने वालों में अधिवक्ता समाज के  विवेकानंद बाबुल, कृष्ण कन्हैया पाल, सिकन्दर यादव, राय साहब यादव, सत्यव्रत यादव आजाद, बालकृष्ण यादव, रामसुत, फैसल खान, जितेन्द्र यादव जीतू, मीनू सिंह यादव, विष्णुदेव यादव, सिराज अहमद खां, श्रीकांत यादव, गुफरान खां, अनुज पाल, सुनील मौर्या, काजिम अकरम, शम्सुद्दीन, जितेन्द्र सिंह यादव, मो0 अनस सिद्दीकी, फैसल खां, शारदा सिंह यादव, गुफरान खान, अनिल कुमार यादव, आजाद यादव, अजीत कुमार, अंजनी प्रकाश यादव, अंकित यादव, अवनीश कुमार यादव, राम यश यादव, एडवोकेट जीतू कश्यप, फहद भट्ट, पवन कुमार यादव, मो0 फैजान, सत्यनारायण यादव, अनिल बहादुर यादव, विनोद कुमार यादव, शैलेन्द्र सिंह, मो0 सलमान, प्रदीप यादव, सतीश चन्द्र यादव टीटू, अंकित कुमार यादव, बालकृष्ण यादव, अजीत कुमार यादव, विपिन पाल, प्रमोद पाल, आर गोस्वामी शामिल रहे।

    इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी, एमएलसी आशुतोष सिन्हा, प्रदीप जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष व्यापार सभा उ0प्र0 मौजूद रहे।    

      

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