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फोर्टिस ने प्लाज्मा थेरैपी से बचाई मरीज की जान

 प्लाज्मा थेरेपी बनी वरदान, मरीज की बची जान 

 फोर्टिस ग्रेटर नोएडा में प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से हाइपरएक्यूट लिवर फेलियर के मरीज की बचाई जान

 बुलंदशहर की 26 वर्षीय महिला को विशेषज्ञ चिकित्सा से मिली नई ज़िंदगी

 हाइपर एक्यूट लिवर फेलियर की बीमारी के मामले बहुत कम, समय पर उचित जांच और इलाज से उपचार संभव



ग्रेटर नोएडा, 29 जनवरी: हेपेटाइटिस A संक्रमण बीते कुछ वर्षों से विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इसमें समय से इलाज न मिलने पर कुछ मामलों में यह प्राणघातक भी साबित हो रहा है। यूं तो हेपेटाइटिस A के अधिकांश मामलों में संक्रमण हल्का होता है। इस दौरान समान्य देखभाल और सही भोजन से कुछ दिनों में पीलिया और संक्रमण दोनों ठीक हो जाते हैं। लेकिन 1-5% मरीजों में यह बीमारी हाइपरएक्यूट लिवर फेलियर का रूप ले लेती है। 


ऐसा ही एक केस फोर्टिस, ग्रेटर नोएडा में आया, जिसमें हेपेटाइटिस A संक्रमण से जूझ रही 26 वर्षीय महिला को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया।  रोगी को गंभीर मूर्छित अवस्था (एन्सेफलोपैथी) में भर्ती कराया गया। शुरुआती जांच में पीड़ित के लिवर फंक्शन बुरी तरह से बिगड़े पाए गए और इस बीमारी की पहचान हाइपर एक्यूट लिवर फेलियर के रूप में की गयी


फोर्टिस, ग्रेटर नोएडा में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोबिलरी साइंसेज विभाग के डॉक्टरों की टीम ने हाइपरएक्यूट लिवर फेलियर से पीड़ित का प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से इलाज करके लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता को खत्म कर दिया।


फोर्टिस, ग्रेटर नोएडा के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेपटोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉक्टर अपूर्व पांडे ने बताया, “मरीज़ की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हमने आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे प्लाज्माफेरेसिस और साइटोसॉर्ब थेरेपी का उपयोग किया। प्लाज्माफेरेसिस एवं साइटोसॉर्ब थेरेपी की प्रक्रिया से खून से हानिकारक तत्वों और टॉक्सिन्स को निकाला गया और फिर इन उन्नत प्रक्रियाओं ने न केवल मरीज के जिगर को दोबारा स्वस्थ करने में मदद की, बल्कि उनके दिमाग की सूजन भी कम की।”


डॉ. अपूर्व पांडे, ने बताया कि  पिछले दो वर्षों में हमने 20-30 वर्ष की आयु वर्ग के 4 मरीजों को देखा, जो हाइपर एक्यूट लिवर फेलियर से पीड़ित थे। 100 हेपेटाइटिस A के मामलों में से 1 से 5 मरीजों में एक्यूट लिवर फेलियर हो जाता है जबकि बाकी मरीज हल्के पीलिया के बाद ठीक हो जाते हैं। "हेपेटाइटिस A संक्रमित खाने व पिने के कारण फैलता है।"

 

यह मामला गंभीर था क्योंकि यदि मरीज का सही ढंग से इलाज नहीं किया जाता, तो उसे लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ सकती थी । एक्यूट लिवर फेलियर में दिमाग की सूजन व इन्फेक्शन से जान जाने का खतरा होता है ।

विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सा और अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग के साथ 10-15 दिनों की गहन देखभाल और उपचार के उपरांत, मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो गईं और अपने सामान्य दिनचर्या में लौट आईं।

संक्रमित भोजन और पानी से फैलने वाला हेपेटाइटिस A सही समय पर उपचार न होने से ख़तरनाक रूप धारण कर  सकता है। इसलिए साफ पानी और स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किसी भी कारण से बीमारी के शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें, जैसे बुखार, उल्टी, और कमज़ोरी आना, इन लक्षणों के होने पर तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क करें।

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