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अहिल्या उद्धार की लीला देख दर्शको की भर आयी आंखे

 अहिल्या उद्धार की लीला देख दर्शको भर आयी आंखे

 रामलीला में कलाकारों ने मुनि आगमन, ताड़का वध की लीला का किया मंचन

शिव मंदिर खखोड़ा में रामलीला का मंचन करते कलाकार


बहादुरपुर ब्लाक क्षेत्र के शिव मंदिर खखोड़ा में चल रहे रामलीला में कलाकारों ने मुनि आगमन, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार तथा गंगाघाट की लीला का मंचन किया। कलाकारों ने दिखाया कि राक्षसों के बार - बार यज्ञ नष्ट किये जाने से आहत मुनि विश्वामित्र अयोध्या पंहुचे। राजा दशरथ से यज्ञ संपन्न कराने के लिए राम लक्ष्मण को मांगा। उनके कम उम्र की उलाहना दे राजा देने से मना कर देते है। गुरू वशिष्ठ के सलाह पर दशरथ राम व लक्ष्मण को मुनि को सौप उनसे शस्त्र शिक्षा देने का भी आग्रह किया। विश्वामित्र के आश्रम बक्सर जाते समय रास्ते में रासक्षी ताड़का का राम ने वध कर दिया। 

आश्रम पंहुचने पर राम ने मुनि विश्वामित्र को यज्ञ प्रारम्भ करने का आग्रह किया। यज्ञ के दौरान विघ्न डालने पंहुचे सुवाहु आदि राक्षसो का राम ने वध कर दिया जबकि मारीच को बिना फर का वाण मारा जिससे वह कई योजन दूर जा गिरा। यज्ञ पूर्ण होने पर विश्वामित्र ने राम व लक्ष्मण को शस्त्र शिक्षा दिया। उसी समय मुनि विश्वामित्र को महराज जनक का पत्र मिला जिसमें सीता स्वयंवर देखने का आग्रह किया गया था। जनकपुर जाते समय स्त्री स्वरूप में शिला देख राम ने मुनि से कारण पूंछा। मुनि ने बताया कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या है जो पति श्राप के कारण पत्थर हो गयी है। 

आपके चरण रज की प्रतिक्षा में है, जैसे ही राम ने अपने पैर से शिला को छुआ वह सुंदर स्त्री बन गयी। स्त्री बनने के बाद अहिल्या ने अपने साथ हुए छल को करूणा पूर्वक बताया तो उपस्थित लोगो की आंखे भर आयी। इस मौके पर चन्द्रभान चौबे, संदीप, रामगोपाल, बाबूराम, रामनिरंजन, प्रदीप, हरिहर, सीमा, पुष्पांजलि, रीना, अनुभवी, गीता, माला, श्रद्धा, मीरा राजमणि, धनंजय अदि लोग मौजूद रहे।

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