300 किलोमीटर कार में लाश लेकर घूमता रहा लड़की कातिल, चार दिन तक घर वालों से करता रहा व्हाट्सप्प चैट, पुलिस ने किया खुलासा*
- उत्तर प्रदेश की एक और लड़की फरेब की भेंट चढ़ी है, बैंकिंग की तैयारी के लिए अपने एक बेहद विश्वास पात्र पहचान वाले के साथ परिजनों ने अपनी बेटी को प्रयागराज के लिए रवाना किया था लेकिन चार दिन बाद ही उनकी बेटी का मोबाइल ऑफ आने लगा, काफी खोजबीन के बाद उन्हें पता चला की बेटी प्रयागराज नहीं पहुंची और उन्होंने बांदा में उसके अपहरण होने की रिपोर्ट दर्ज कराई, बांदा पुलिस ने कॉल डिटेल और लोकेशन के आधार पर मामले का खुलासा किया है, बेहद नाटकीय ढंग से बेटी के परिजनों का विश्वास पात्र व्यक्ति ही छात्रा के शव को अपनी कार में डालकर सैकड़ो किलोमीटर घूमता रहा और एक सुनसान जगह पर हाईवे के किनारे फेंक कर भाग गया, उसपर विडम्बना यह रही कि बांदा में परिजन जहां अपनी बेटी को ढूंढने के लिए रात दिन एक किए थे वहीं उरई पुलिस ने इस लड़की के बरामद शव को अज्ञात मानते हुए पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया, बांदा पुलिस की सक्रियता के चलते आरोपी युवक पुलिस के हत्थे चढ़ गया और पुलिस आरोपी युवक को कानपुर से बांदा उठा लायी जहां पुलिस चौकी पर ही परिजनों ने आरोपी की जमकर पिटाई भी की, उरई पुलिस की डिटेल के मुताबिक मृतका छात्रा की मौत की वजह हैंगिंग है, तो वहीं परिजनों ने आरोपी युवक पर सीधे तौर पर उनकी बेटी का अपहरण करने और हत्या करने का आरोप लगाया है, वहीं इस मामले में बांदा पुलिस ने सभी तथ्यों को जांच परखकर बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है।
यह सनसनीखेज़ वारदात बांदा नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला बंगालीपुरा निवासी 23 वर्षीय लड़की सोनाली चंदेल के साथ हुई है, पढ़ने में बेहद तेज सोनाली ने कानपुर में हॉस्टल में रहकर बीकॉम किया था और उसके बाद बांदा अपने घर वापस आ गई थी जहां से बैंकिंग कंपटीशन की तैयारी के लिए इसी साल अक्टूबर में उसने प्रयागराज के कोचिंग इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया था और प्रयागराज के लिए 18 अक्टूबर को आरोपी के साथ रवाना हुई थी सोनाली से उसके घर वालों की 23 अक्टूबर तक लगातार मोबाइल पर बात होती रही, 23 अक्टूबर को रात में अचानक सोनाली की उसके पिता के पास कॉल आई और जैसे ही पिता ने कॉल रिसीव की कॉल कट गई , उसके बाद तकरीबन एक हफ्ता सोनाली के मोबाइल नंबर से ही उसके पिता के नंबर पर सोनाली के ख़ैरियत के मैसेज भेजे जाते रहे लेकिन सोनाली का मोबाइल नंबर बंद ही आता रहा जिससे परेशान होकर उनके पिता ने बांदा नगर कोतवाली में 10 नवंबर को लड़की के अपहरण की एफआईआर भी दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने पुलिस से कहा था कि उनकी लड़की का मोबाइल 23 तारीख से बंद आ रहा है और उसका कोई अता पता नहीं है, कोई अज्ञात व्यक्ति उन्हें मैसेज कर रहा है जिससे उन्हें आशंका है कि उनकी पुत्री का अपहरण कर लिया गया है, दूसरी तरफ पुलिस और परिजन शेखर शुक्ला नाम के उस युवक की भी तलाश कर रहे थे जो उनके घर में फैमिली मेंबर बन गया था और कानपुर हॉस्टल का संचालन करता था जिसमें सोनाली रहकर पढ़ाई कर चुकी थी, परिजनों की माने तो आरोपी शिखर शुक्ला ही उनके घर आया था और प्रयागराज में उसे एडमिशन दिलाने के नाम पर उनकी लड़की को साथ लेकर गया था लेकिन उसके बाद से शिखर शुक्ला का भी मोबाइल नंबर बंद आ रहा था इधर अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद बांदा पुलिस भी पूरी तरह से सक्रिय हो गई थी. सोनाली और शिखर शुक्ला के मोबाइल फोन को लोकेशन ट्रेस करके शिखर शुक्ला और सोनाली की तलाश की जा रही थी और आखिरकार पुलिस टीम ने आरोपी शिखर शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया, जिस पर सोनाली के परिजनों को पता चला कि सोनाली की हत्या की जा चुकी है और जालौन जिले में उरई कानपुर एन एच 27 पर कुइयां गांव के किनारे सोनाली की लाश अज्ञात तौर पर उरई पुलिस को मिली थी जिस पर उसको लावारिस मानते हुए पुलिस ने उसका डिस्पोज भी कर दिया था, पोस्टमार्टम में हैंगिंग निकला जिससे पुलिस ने खुदकुशी दर्ज कर अज्ञात शव मानते हुए उसका अंतिम संस्कार कर दिया था.. पकड़े गए आरोपी की मृतका के परिजनों ने बांदा सिविल लाइन चौकी में पुलिस के सामने ही जमकर पिटाई भी की परिजनों की पिटाई से पुलिस के जवान किसी तरह आरोपी शिखर शुक्ला को बचाकर लॉकअप तक सुरक्षित किया.. मृतका के परिजनों का कहना है कि आरोपी शिखर शुक्ला कानपुर निवासी हैं और कल्याणपुर में एक हॉस्टल चलाता है जहां उसकी बेटी ने रहकर कानपुर में बीकॉम किया है और आरोपी से इतने अच्छे संबंध पारिवारिक हो गए थे कि उसके ऊपर किसी भी तरह का कोई शक परिजनों को नहीं रहा था, परिजनों का कहना है कि कानपुर से पढ़ाई पूरी करके सोनाली वापस आ गई थी और प्रयागराज में बैंकिंग की कंपटीशन के लिए कोचिंग करने के नाम पर शिखर शुक्ला ने ही उनको रास्ता दिखाया था और 18 अक्टूबर को दोपहर 2:00 बजे रोडवेज बस में शिखर शुक्ला के साथ ही उन्होंने अपनी बेटी को प्रयागराज भेजा था, परिजनों के मुताबिक शेखर शुक्ला ने उनकी बेटी की हत्या करने का जुर्म स्वीकार किया है लेकिन उसने हत्या क्यों की क्या कारण था यह परिजन बताने में असमर्थ हैं परिजनों का कहना है कि हत्या क्यों की और उनकी बेटी के साथ क्या-क्या हुआ है यह पुलिस ही अपनी जांच में पता कर सकती है।
वहीं इस मामले में सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह का कहना है कि 10 अक्टूबर को लड़की के परिजनों की तहरीर पर बांदा में मुकदमा दर्ज किया गया था जिस पर सर्विलांस लोकेशन के आधार पर कल्याणपुर कानपुर निवासी शिखर शुक्ला को गिरफ्तार किया था और उसकी निशानदेही पर उरई हाईवे में उस जगह की शिनाख्त हुई थी जहां उसने लड़की के शव को फेंका था इस संबंध में जालौन पुलिस से सारी डिटेल ली गई जिसमें यह पुष्टि हुई की लड़की ने आत्महत्या की थी और आरोपी शिखर खुद को बचाने के लिए उसको कार में डालकर हाईवे के किनारे फेंक आया था मामले में आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है और उसे सुसंगत धाराओं में जेल भेजा जा रहा है आगे की जांच की जा रही है।